DNN सोलन
ग्रामीण विकास व पंचायती राज, पशुपालन एवं मत्स्य मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य समाज की विभिन्न विषमताओं और चुनौतियों को समाप्त कर समग्र विकास के लिए बेहतर वातावरण तैयार करना है। वीरेंद्र कंवर आज सोलन जिला के अर्की उपमण्डल के दाड़लाघाट में सरस्वती विद्या मंदिर के वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे।
वीरेंद्र कंवर ने कहा कि शिक्षा के वास्तविक उद्देश्य को हम तभी पूरा कर सकते हैं जब हमारी शिक्षा पद्धति एवं प्रणाली देश, काल एवं समाज के अनुरूप हो। इसके लिए हमें लॉर्ड मेकाले की हीन भावना उत्पन्न करने वाली शिक्षा पद्धति को नकारना होगा और अपनी शिक्षा प्रणाली का भारतीयकरण करना होगा। उन्होंने कहा कि भारत प्राचीन काल से ही अपनी श्रेष्ठ शिक्षा पद्धति एवं गुरू शिष्य पर परा के कारण ही विश्व गुरू रहा। हमें जहां एक ओर शिक्षा पद्धति को भारतीय दृष्टिकोण के अनुरूप बनाना होगा वहीं छात्रों को नैतिक मूल्यों एवं संस्कारों की शिक्षा भी प्रदान करनी होगी। उन्होंने कहा कि तभी हम आज की युवा पीढ़ी को भविष्य का बेहतर एवं जि मेदार नागरिक बना पाएंगे।
वीरेंद्र कंवर ने छात्रों से आग्रह किया कि वे नशे से दूर रहें और यह सुनिश्चित बनाएं कि उनके सभी सहपाठी नशे को न कहना सीखें। उन्होंने कहा कि भारतीय शिक्षा पद्धति के प्रचार-प्रसार में हिमाचल प्रदेश शिक्षा समिति एवं विद्या भारती सराहनीय कार्य कर रहे हैं। उन्होंने सरस्वती विद्या मंदिर की शिक्षा को बेहतर बताते हुए आशा जताई कि आने वाले समय में शिक्षा के ये केंद्र और बेहतर बनेंगे।