नई दिल्ली : हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की आय के ज्ञात श्रोत से अधिक धन को जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की पालिसियों में निवेश करवाने के आरोपी एलआईसी एजेंट आनंद चौहान के खिलाफ मामले में यहां की एक अदालत ने गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से मामले की स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। विशेष न्यायाधीश संतोष स्नेही मान ने ईडी से 22 जनवरी तक मामले की स्थिति रिपोर्ट और जल्द से जल्द एक अतिरिक्त आरोप पत्र दाखिल करने को कहा है।
अदालत ने मामले की सुनवाई 20 फरवरी के लिए सूचीबद्ध कर दी है, जहां इस मामले में आरोपों पर तर्को की शुरुआत होगी। ईडी ने चौहान के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था और उसपर आरोप लगाया था कि उसने वीरभद्र सिंह के 5.14 करोड़ रुपये एलआईसी पॉलिसी में निवेश कराए। यह पालिसियां मुख्यमंत्री, उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर खरीदी गई थीं। ईडी ने चौहान के खिलाफ धन शोधन की रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था।
एक जांच में कथित तौर पर पाया गया था कि वीरभद्र सिंह ने अपने और परिवार के सदस्यों के नाम पर 6.03 करोड़ रुपये की संपत्ति जमा की थी, जो कि 2009 से 2011 तक बतौर केंद्रीय इस्पात मंत्री के कार्यकाल के दौरान उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक थी।
