लोगों के जीवन भर की कमाई ही नहीं कमाने के साधन भी नष्ट हो गए : जय राम ठाकुर

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मंडी : नेता प्रतिपक्ष की जय राम ठाकुर ने आज आपदाग्रस्त बाड़ा , कुनाह और तलवाड़ा क्षेत्र का दौरा कर आपदा प्रभावितों से मिले और अपनी संवेदना व्यक्त की। इस दौरान वह 10 माह की मासूम नीतिका से भी मिले और उसे खूब लाड प्यार किया। नीतिका को गोद में लेकर जयराम ठाकुर बेहद भावुक नजर आए और उन्होंने कहा कि फूल सी बिटिया के बारे में सोच कर हृदय एकदम अधीर हो जाता है, मन एकदम विचलित हो जाता है, आंखें छलक जाती हैं। मन में वेदना का ज्वार उठता है। यह बेहद भावुक करने वाला क्षण है। ऐसी परिस्थितियों में संवेदना के शब्द खत्म हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि निकिता के परिजनों ने बताया कि निकिता को गोद लेने के लिए बहुत सारे लोग आगे आए लेकिन उनके लिए फूल सी बच्ची को किसी को देना संभव नहीं था। निकिता को पूरे देश–प्रदेश से लोगों ने आशीर्वाद दिया और अपना प्यार लुटाया। ऐसे सभी लोगों को मैं हृदय से धन्यवाद प्रकट करता हूं। उन्होंने साथ ही सभी को आश्वस्त किया कि फूल सी प्यारी निकिता को जीवन में कभी कोई कमी नहीं आने देंगे।

जयराम ठाकुर ने कहा कि इस आपदा ने सिर्फ लोगों के जीवन भर की मेहनत की कमाई और हमसे हमारे लोग ही नहीं छीने हैं बल्कि इस आपदा ने हमारी आजीविका के साधन भी छीन लिए हैं। लोगों के 20–20 साल 30–30 साल पुराने बगीचे भी तबाह कर दिए हैं। जहां पर 300–300 सब के पौधों का भरा पूरा बगीचा था आज वहां पर कुछ भी नहीं है। लोगों के खेत, फसलें सब कुछ बह गए। अब सिर्फ यहां तबाही के निशान बचे हैं। ऐसे में लोगों के राहत बचाव के साथ पुनर्वासन की भी चुनौती बहुत बड़ी है। इसलिए बहुत बड़े सहयोग की आवश्यकता पड़ेगी। अभी भी बहुत सारे लोग राहत शिविरों में पंचायत घरों में शरण लिए हुए हैं। सरकार भी इन तक मदद पहुंचाने का प्रयास कर रही है। लोगों की मदद के लिए पूरे देश से लोग आगे आए हैं मैं उन सभी दानी सज्जनों का आभार व्यक्त करता हूं।

जयराम ठाकुर ने कहा कि 30 तारीख को हुई घटना के बाद अब तक लगभग 12 दिन का समय हो चुका है लेकिन सिर्फ सराज विधानसभा क्षेत्र में 30000 से ज्यादा लोग ऐसे हैं जिन्हें पीने का पानी जलापूर्ति परियोजनाओं से नहीं मिल रहा है। 25000 से ज्यादा लोग बिजली की आपूर्ति से महरूम हैं। बहुत इलाकों में सड़के बहाल नहीं हुई है, ज्यादातर जगहों पर जो सड़कें बहाल हुई हैं वह सिर्फ छोटी गाड़ियों के लिए ही बहाल हो पाई हैं। सिर्फ सराज विधानसभा क्षेत्र में 600 से ज्यादा घर पूरी तरीके से नष्ट हो चुके हैं, 1000 से ज्यादा घर आंशिक तौर पर क्षतिग्रस्त हुए हैं और वह लोगों के लिए सुरक्षित नहीं हैं। आपदा प्रभावितों संख्या से ही इस त्रासदी का थोड़ा बहुत अंदाजा लगाया जा सकता है। आगे की चुनौती अभी और बड़ी है। बारिश के बाद तुरंत सर्दी का महीना शुरू हो जाता है और कुछ ही समय में बहुत सारे बर्फ क्षेत्र ढंक जाते हैं। ऐसे में लोगों को समय से राहत पहुंचानी बहुत जरूरी है और इसी दिशा में हमें सबसे ज्यादा काम करने की आवश्यकता है।

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