लोकगीत ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के मनोरंजन का भी बेहतरीन साधन

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DNN सोलन
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सहकारिता मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कहा कि प्रदेश के लोकगीत जहां राज्य की समृद्ध संस्कृति को प्रकट करते हैं वहीं ये लोकगीत ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के मनोरंजन का भी बेहतरीन साधन है। डॉ. सैजल राजकीय संस्कृत महाविद्यालय सोलन में तीन दिवसीय ‘शूलिनी सरगम सांस्कृतिक प्रतियोगिता एवं प्रदर्शन’ कार्यक्रम के दूसरी सांस्कृतिक संध्या में उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि हिमाचल में जन्म से लेकर मरण तक गाए जाने वाले लोक गीतों में शुद्ध पहाड़ी शब्दावली का सम्मिश्रण है जो राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक छवि का अद्भुत दर्शन करवाती है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में बच्चे के जन्म व अन्य सोलह संस्कारों के दौरान लोकगीतों के गायन का प्रचलन है और ये लोक गीत राज्य के सभी जिलों में अलग-अलग तरह से गाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की संस्कृति का संरक्षण वहां के निवासियों की आस्था व विश्वास पर निर्भर करता है। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे अपनी संस्कृति के संरक्षण के लिए आगे आएं तथा लोक कलाओं व लोक परंपराओं को निर्वहन करें।
डॉ. सैजल ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि हमारा प्रदेश देवभूमि, वीरभूमि के साथ-साथ कला भूमि भी है। हम एक विशाल सांस्कृतिक विरासत के धनी हैं। हमारे गीत, मेले, त्यौहार व पकवान की परंपराएं हर क्षेत्र में भिन्न हैं और यहां के निवासियों ने अपनी इस विरासत को संजोकर भी रखा है।
डॉ. सैजल ने इस अवसर पर लोक गायन प्रतियोगिता के लिए प्रथम स्थान पर रहने के लिए राकेश ठाकुर, द्वितीय स्थान के लिए प्रीति तथा तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने के लिए साक्षी ठाकुर को पुरस्कृत किया। इसी प्रकार नृत्य प्रतियोगिता में अनीता व आशा को क्रमशः प्रथम व द्वितीय पुरस्कार प्राप्त करने के लिए पुरस्कृत किया गया।
इससे पूर्व सरगम कलामंच के अध्यक्ष जीया लाल ठाकुर ने मुख्यातिथि का स्वागत किया तथा तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर भाजपा प्रवक्ता एवं कैलाश फैडरेशन शिमला के अध्यक्ष रवि मेहता, भाजपा व भाजयुमो के सदस्य, उपमंडलाधिकारी सोलन रोहित राठौर, पुलिस उपाधीक्षक रमेश शर्मा, तहसीलदार गुरमीत सिंह नेगी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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