DNN सोलन (श्वेता भारद्वाज)
सोलन से अब लहसुन इजराइल व श्रीलंका भेजने की तैयारी हो रही है। इस बार देश व विदेश में हिमाचल के लहसुन की काफी डिमांड है। इससे किसान मालामाल होंगे।
कृषि उपज मंडी समिति सोलन में अब तक करीब 12 हजार क्विंटल लहसुन पहुंच चुका है। इसके अलावा सनौरा और राजगढ़ की उप मंडियों में भी 4 हजार क्विंटल लहसुन पहुंच चुका है। सोलन सब्जी मंडी में अभी तक यहां पर 30 रुपये से लेकर 110 रुपये प्रतिकिलो तक लहसुन बिक रहा है। पिछले वर्ष लहसुन के दाम 10 रुपये से 40 रुपये प्रति किलो ही किसानों को मिल पाए थे, जिससे उनकी लागत भी पूरी नहीं हो पाई थी और किसानों को निराशा ही हाथ लगी थी।
हिमाचल प्रदेश में सिरमौर जिला सबसे बड़ा लहसुल का उत्पादक है, इसके अलावा कुल्लू, सोलन शिमला जिला में भी लहसुन को नगदी फसलों के रूप में उगाया जाता है। यहां बहुत से किसानों की आर्थिकी व वर्ष भर की रोजी-रोटी लहसुन की फसल पर ही टिकी हुई है। हिमाचल प्रदेश में पैदा होने वाला लहसुन अन्य राज्यों के मुकाबले काफी अधिक गुणों से भरपूर होता है। इसीलिए देश भर में यहां के लहसुन को पसंद किया जाता है और इसकी डिमांड रहती है। सिरमौर, कुल्लू, सोलन व शिमला का अधिकतर लहसुन बिक्री के लिए सोलन की सब्जी मंडी में पहुंचता है। यहां से लहसुन देश भर में भेजा जाता है और अब पिछले वर्ष से विदेशों में भी लहसुन के लिए रास्ते खुले हैं। कृषि उपज मंडी, सोलन के सचिव प्रकाश कश्यप ने बताया कि सोलन मंडी में 110 रुपये प्रतिकिलो से अधिक भी लहसुन बिक रहा है। इस बार इजराइल और श्रीलंका को डिमांड के अनुसार लहसुन भेजने के लिए तैयारियां की जा रही हैं। सोलन की मंडी को राष्ट्रीय कृषि बाजार के तहत देश की पहली मॉडल मंडी घोषित किया है। यहां से किसान ई-कृषि बाजार के माध्यम से अपनी फसलों को बेच सकते हैं, जिसका किसानों को लाभ उठाना चाहिए।