DNN सोलन
26 अप्रैल। राज्यपाल श्री शिव प्रताप शुक्ल ने डाॅ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के सीनेट की 16वीं वार्षिक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि विद्यार्थियों की अकादमिक आवश्यकताओं को पूरा करने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों के कौशल विकास के लिये भी प्रयास करने की आवश्यकता पर बल दिया।

किया जा रहा है। इस अवधि के दौरान 4 हजार 623 नई किताबें, पत्रिकाएं और थीसिस पुस्तकालय संग्रह में जोड़ी गई हैं। उन्होंने कहा कि समाज की नई पीढ़ी को मात्र उपाधिधारक बना देने से हमारा दायित्व पूरा नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि युवाओं में सम-सामयिक चुनौतियों का सामना करने का साहस और क्षमता विकसित करना भी हमारी जिम्मेदारी है तभी विश्वविद्यालय सही मायनों में अपनी भूमिका को निभा पाएगा। हिमाचल प्रदेश विधानसभा एवं विश्वविद्यालय की सीनेट के सदस्य श्री विनोद सुलतानपुरी तथा श्री अजय सोलंकी ने भी अपने बहुमूल्य सुझाव दिए। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश्वर सिंह चन्देल ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा विश्वविद्यालय की विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस दौरान भौतिक विकास के साथ-साथ अकादमिक उपलब्धियां विश्वविद्यालय ने अर्जित की हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न एजेंसियों और संस्थानों के माध्यम से 89 परियोजनाएं अनुसंधान के लिये पिछले पांच वर्षों में मिली हैं और पिछले माह में नाबार्ड ने इस के लिये 29 लाख का अनुदान दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक कृषि के लिये विश्वविद्यालय को अभी तक 5 करोड़ रुपए की राशि प्रदान की है। उन्होंने कहा कि पिछले एक वर्ष में विश्वविद्यालय ने करीब 31 करोड़ रुपए की आये अर्जित की है।
डाॅ. संजीव चौहान, निदेशक अनुसंधान ने शोध गतिविधियों तथा डाॅ. इंदर देव, विस्तार शिक्षा ने विस्तार गतिविधियों पर अपनी प्रस्तुति दी। रजिस्ट्रार श्री संदीप नेगी ने बैठक की कार्यवाई का संचालन किया।














