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मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज कांगड़ा जिला के धर्मशाला में 24.47 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित समृद्धि भवन का लोकार्पण किया। इस भवन के निर्मित होने से क्षेत्र के लोगों को आधुनिक व सुविधाजनक सेवायें उपलब्ध होंगी।
भूकंप ज़ोन-5 को ध्यान में रखते हुए इस भवन को बेहतरीन अधोसंरचना के साथ डिज़ाइन किया गया है, जिससे भवन की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। 2,511 वर्ग मीटर क्षेत्र में निर्मित इस भवन में एक धरातल तल, चार मंजिले और दो बेसमेंट हैं। बेसमेंट में 80 गाड़ियों के लिए पार्किंग की सुविधा उपलब्ध होगी, जिसमें स्टाफ़ और आम जनता के वाहनों के लिए स्थान निर्धारित किए गए हैं।
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस इस भवन में स्मोक डिटेक्टर के साथ अग्निशमन के पुख्ता इंतज़ाम, 50 किलोवाट क्षमता का सोलर पावर प्लांट, रेनवाटर हार्वेस्टिंग टैंक, 30,000-लीटर की जल संग्रहण क्षमता, डीजी सेट और इंटरकॉम की सुविधाएं शामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक निपुणता, नागरिक सेवाओं और सतत प्रशासन के लिए एक अत्याधुनिक हब के तौर पर समृद्धि भवन के महत्त्व पर बल देते हुए कहा कि यह भवन महत्त्वपूर्ण स्थान पर स्थित है और इससे धर्मशाला में विभिन्न कामकाज सुविधाजनक होंगे। यह भवन राज्य में शहरी अधोसंरचना परियोजनाओं के लिए एक मॉडल के रूप में भी स्थापित होगा।
इस अवसर पर विधायक सुरेश कुमार, पूर्व सांसद विप्लव ठाकुर, धर्मशाला की महापौर नीनू शर्मा, कांग्रेस नेता देवेंद्र जग्गी, हिमाचल प्रदेश वूल फेडरेशन के अध्यक्ष मनोज ठाकुर, एपीएमसी कांगड़ा के अध्यक्ष निशु मोंगरा और अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज कांगड़ा में नव-निर्मित बाण गंगा घाट का लोकार्पण किया और हरिद्वार की तर्ज पर मंत्रोच्चारण के बीच संध्याकालीन आरती की शुरुआत की। प्रतिदिन होने वाली आरती यहां आने वाले हजारों श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बनेगी। 2.20 करोड़ रुपये की लागत से बने इस घाट के निर्माण में कैप्टन शैलेश रियालच फाउंडेशन का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। फाउंडेशन ने लगभग 1.5 करोड़ रुपये व्यय किए, जबकि जिला प्रशासन कांगड़ा ने लगभग 70 लाख रुपये प्रदान किए। कैप्टन शैलेश, नगरोटा बगवां के अम्बाड़ी क्षेत्र से संबंध रखते थे। वह लगभग 25 वर्ष पूर्व शहीद हुए थे और उनकी स्मृति में इस फाउंडेशन ने घाट के निर्माण में अहम भूमिका निभाई है।
घाट परिसर में 25 फीट ऊंचे त्रिशूल की स्थापना की जा रही है। श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा के लिए भव्य आरती स्थल, चेंजिंग रूम, शौचालय, आकर्षक मंच, सुंदर पार्क और बेहतर प्रकाश व्यवस्था विकसित की गई है। यहां संध्याकालीन आरती के साथ-साथ योगा सत्र और विभिन्न धार्मिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश देवभूमि है और कांगड़ा का बज्रेश्वरी मंदिर देशभर से आने वाले हजारों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। श्रद्धालु घाट पर जाकर स्नान भी करते हैं, इसलिए उनकी सुविधा को ध्यान में रखते हुए यह घाट विकसित किया गया है, जिससे उन्हें स्नान और पूजा-अर्चना के लिए एक सुव्यवस्थित एवं सुरक्षित स्थान उपलब्ध हो सके।
इस अवसर पर आयुष मंत्री यादवेंद्र गोमा, विधायक संजय अवस्थी, सुरेश कुमार तथा कमलेश ठाकुर, हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. राजेश शर्मा, हिमाचल पथ परिवहन निगम के उपाध्यक्ष अजय वर्मा, हिमाचल प्रदेश वूल फेडरेशन के अध्यक्ष मनोज ठाकुर, एपीएमसी कांगड़ा के अध्यक्ष निशु मोंगरा, उपायुक्त हेमराज बैरवा, पुलिस अधीक्षक अशोक रतन सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।














