DNN धर्मशाला
सांसद शांता कुमार ने प्रख्यात लोक गायक प्रताप चंद शर्मा को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि सरकार की ओर से प्रताप चंद शर्मा के परिवार को 1 लाख रुपए की सम्मान राशि दी जाएगी। इसे लेकर मुख्यमंत्री से उनकी बात हुई है। उन्होंने देहरा बचत भवन का नाम प्रताप चंद शर्मा भवन करने की घोषणा भी की। शांता कुमार शुक्रवार को धर्मशाला में उपायुक्त कार्यालय परिसर में आयोजित त्रिगर्त उत्सव समापन समारोह एवं प्रताप चंद शर्मा श्रद्धांजलि कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस मौके उन्होंने स्वर्गीय प्रताप चंद शर्मा के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। उपायुक्त संदीप कुमार सहित अन्य अधिकारियों, कर्मचारियों एवं उपस्थित लोगों ने भी प्रताप चंद शर्मा के चित्र पर पुष्प चढ़ा कर श्रद्धांजलि दी। शांता कुमार ने कहा कि जो देश अपनी कला, संस्कृति एवं साहित्य को अधिक सम्मान देते हैं उनकी जड़ें अधिक मजबूत होती हैं। कला, संस्कृति के बिना देश, समाज रूखा-सूखा और बंजर हो जाता है। उन्होंने कहा कि धरती से जुड़े साहित्यकारों, कलाकारांे का अधिक ध्यान रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज समाज में संवेदनशीलता सूख रही है, तकनीक के अत्यधिक दखल से बचपन मुरझा रहा है, ऐसे में कला संस्कृति की ओर अधिक ध्यान देने की जरूरत है।
त्रिगर्त उत्सव के आयोजन के लिए दी बधाई
इस मौके शांता कुमार ने कांगड़ा घाटी की कला-संस्कृति से देश-दुनिया को अवगत करवाने के लिए आयोजित त्रिगर्त उत्सव के सफल आयोजन पर कांगड़ा जिला प्रशासन और भाषा कला विभाग को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह सराहनीय प्रयास है कि महीने भर चले इस उत्सव में जिला में विभिन्न स्थानों पर यहां की समृद्ध कला संस्कृति को दर्शाने वाले कार्यक्रम आयोजित किए गए। उन्होंने आशा जताई कि भविष्य में त्रिगर्त उत्सव और व्यापक स्तर पर आयाजित किया जाएगा। शांता कुमार ने कहा कि कांगड़ा कलम के संरक्षण और संवर्धन के लिए जिला प्रशासन के प्रयास प्रशंसनीय हैं, लेकिन इस दिशा में और कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने एक समचार पत्र में प्रकाशित खबर का उल्लेख करते हुए कहा कि कांगड़ा कलम की प्रसिद्धि का बड़ा अनुपंम उदाहरण कि हमारे यहां के महान चित्रकार नैनसुख के चित्रों की लंदन में बोली लग रही है, और बोली की शुरूआती राशि 5 करोड़ रुपए है। यह बात हमारी कलात्मक निपुणता और सांस्कृतिक समृद्धि की द्योतक है। इस मौके उपायुक्त संदीप कुमार ने शांता कुमार का स्वगत किया और कला संस्कृति को सुरक्षित रखने एवं बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन द्वारा उठाए जा रहे कदमों से अगवत करवाया।