DNN नौणी
23 सितंबर। डॉ वाईएस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के पुष्प एवं स्थल सौंदर्य विभाग में सुखाए गए फूलों के लिए चार दिवसीय दो प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा प्रदत्त परियोजना ‘पॉपूलराइजेषन ऑफ वैल्यू एडिशन इन ड्राई फ्लावर्स एण्ड लिंकिंग फामर्स टू द मार्केट’ के माध्यम से किया गया था।
इन शिविरों में सोलन, कण्डाघाट, नौणी तथा शमरोड़ पंचायत की महिलाओं एवं पुरुषों ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान सुखाए गए फूलों से बनाए जाने वाली मूल्यवर्द्धित वस्तुएं जैसे पुष्प् सज्जा, बर्डस तथा राखियां बनानी सिखाई गई। परियोजना की मुख्य अन्वेषक डॉ भारती कश्यप ने बताया कि अगर प्रशिषणार्थी अच्छी वस्तुएं बनाएंगे तो उसे विश्वविद्यालय द्वारा खरीदने की सुविधा भी प्रोजेक्ट में मौजूद है तथा उसके लिए विश्वविद्यालय के गेट पर एक विक्रय सेंटर पहले से ही स्थापित कर लिया गया है।
शृंखला की पहली ट्रेनिंग के समापन समारोह में निदेशक विस्तार शिक्षा डॉ देवेन्द्र गुप्ता तथा दूसरी ट्रेनिंग में निदेशक अनुसंधान डॉ रवीन्द्र शर्मा मुख्य अतिथि रहे। विश्वविद्यालय द्वारा 38 प्रशिक्षण अर्थों को सुखाए गए फूलों से संबन्धित किट तथा सर्टिफिकेट भी प्रदान किए गए। योजना के अंतर्गत ही एक प्रशिक्षणार्थी का चयन कौशल परीक्षा द्वारा किया जाएगा जिसे एक वर्ष तक 3000रु प्रतिमाह मानदेय एवं विस्तार में प्रशिक्षण दिया जाएगा। विभागाध्यक्ष डॉ सीताराम धीमान ने बताया कि विभाग का ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने का उद्देष्य अधिक से अधिक लोगों को सुखाए गए पुष्पों के व्यवसाय से जोड़ना है। विभाग द्वारा एक अन्य महिला बिमला देवी पहले ही अपनी कम्पनी ‘एवरलास्टिंग्स’ स्थापित कर चुकी है और इस रोजगार से जुड़ चुकी है।