DNN सोलन, 24 अक्टूबर
शूलिनी विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के साहित्यिक समाज बेलेट्रिस्टिक ने तंजानिया में जन्मेलेखक अब्दुलराजाक गुरनाह पर एक प्रबुद्ध चर्चा का आयोजन किया। उन्हें दुनिया के सबसेप्रतिष्ठित साहित्यिक पुरस्कार, साहित्य में 2021 के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
सहायक प्रोफेसर डॉ पूर्णिमा बाली ने सत्र की शुरुआत अपनी पुस्तक ‘पैराडाइज’ के उद्धरण “खुद कासम्मान करें और दूसरे आपका सम्मान करेंगे” के साथ किया। इसके अलावा, डॉ साक्षी सुंदरम नेउक्त लेखक के जीवनी पहलुओं पर एक संक्षिप्त परिचय दिया। डॉ नवरीत साही ने अपने कार्यों और उनसे जुड़े विषयों पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी। सम्राट शर्मा ने सत्रमें अपने विचार जोड़े, जहां उन्होंने समानांतर चलने वाले दो विषयों “एक दूसरे से जुड़े होने की भावनाऔर लालसा” के बारे में बात की। राजेश विलियम्स और हेमंत शर्मा ने गुरना की भाषा पर भी टिप्पणी की। डॉ नवरीत साही ने बतायाकि रना खुद सोचते हैं कि अगर उनकी रचनाएँ अंग्रेजी में नहीं लिखी गई होतीं तो उन्हें अब जोप्रशंसा मिल रही है, वह उन्हें नहीं मिलती और वह इस बात से भी निराश हैं कि उनके अफ्रीकी कार्योंका अंग्रेजी में अनुवाद नहीं हो रहा है। सत्र का समापन शूलिनी विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग की प्रमुख प्रोफ़ेसर मंजू जैदका कीअंतर्दृष्टिपूर्ण टिप्पणियों के साथ हुआ।