DNN शिमला
नागरिकता संशोधन अधिनियम देश की एकता और अखण्डता को सुनिश्चित बनाए रखने के लिए पारित किया गया है और यह देश के अल्पसंख्यक नागरिकों के खिलाफ नहीं है। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज भाजपा जिला शिमला द्वारा आयोजित ‘बुद्धिजीवी सम्मेलन’ में सम्बोधित करते हुए कही।
जय राम ठाकुर ने कहा कि यह अधिनियम देश के दूरदर्शी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राष्ट्र की एकता और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए पहल है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद-370 को हटाने के बाद देश के मजबूत नेतृत्व की यह एक और मुख्य पहल है। उन्होंने कहा कि इससे भारत कश्मीर से कन्याकुमारी तक वास्तव में एक राष्ट्र और एक संविधान वाला राष्ट्र बना है। उन्होंने राम जन्मभूमि निर्णय के लिए माननीय उच्च न्यायालय का धन्यवाद किया, इससे अयोध्या में भव्य राम मन्दिर बनाने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बिल को नाकाम करने में असफल रहने पर विपक्ष के नेता अब सार्वजनिक सम्पति को नुकसान पहुंचाकर लोगों का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास कर रहे है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अधिनियम के माध्यम से देश के पड़ौसी तीन मुस्लिम बहुसंख्यक देशों पाकिस्तान, बंगलादेश और अफगानिस्तान के गैर मुस्लिमों को भारत की नागरिकता प्राप्त करने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम में इन तीन देशों से हिन्दु, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों को आयु के मापदण्ड में छूट प्रदान कर यह सीमा 11 से 06 वर्ष की गई है। उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम में अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बंगलादेश से 31 दिसम्बर, 2014 से पूर्व भारत आए हिन्दु, ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन व पारसी लोगों को नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है। यह अधिनियम तीन देशों से आए इन धर्माें के उन लोगों को भी नागरिकता प्रदान करने में मद्द करता है, जिनके पास अपेक्षित दस्तावेज नही हैं।