DNN जुब्बल (सुनील परमार)
हिमाचल की आर्थिकी की रीढ़ मानी जाने वाली बागवानी पर इस बार संकट के बादल मंडरा रहे है। कोरोना संक्रमण के चलते जहा बागवानों को सेब मंडियों तक पहुचाने की चिंता सत्ता रही है वही मजदूरो के न होने से बागवानों की मुश्किलें बढ़ गई है। हालांकि सरकार की ओर से नेपाल से मजदूरो के लाने का आश्वासन दिया जा रहा है लेकिन अभी तक मजदूरो को लाने के कवायद शुरू नहीं हो पाई है जबकि 15 दिन बाद सेब का सीजन शुरू होने वाला है। इसके अलावा कार्टन भी पर्याप्त मात्रा में नही मिल रहे है।
बागवानों की माने तो सेब सीजन कुछ दिन बाद शुरू होने जा रहा है लेकिन सरकार की ओर से कोई उचित प्रबधं नही किए गए है हर साल जिस मात्रा में कार्टन उपलब्ध होते थे इस बार नही हो पा रहे है और मजदूर भी नही है बाहर से मजदूरो का आना तो दूर यहां से भी मजूदरो का पलायन हो रहा है। बाग़बानों ने प्रदेश सरकार से माँग की है उन्हें जल्द से जल्द कार्टन उपलब्ध करायें जाये और जो नेपाली मज़दूरों की उपलब्धता सुनिश्चहित करने का प्रदेश सरकार ने बागवानों को आश्वासन दिया था उसे भी जल्द पुरा किया जाये क्यूँकि सेब बागवानों की आर्थिकी सेब की फ़सल पर ही निर्भर है । वहीं कुछ बागवानों ने सरकार से प्रदेश के बाहरी राज्यों में जो हर साल सेब जाता था उसपर भी जल्द उचित निर्णय लेने की माँग की है ताकी उन्हें उनकी फ़सल के उचित दाम मिल सकें ।