DNN सोलन ब्यूरो
27 अगस्त। जिला सोलन के क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में बड़ी लापरवाही सामने आई है। पॉजिटिव गर्भवती महिला को पहले कोरोना नेगेटिव बता कर घर भेज दिया, लेकिन जब उस महिला की सही रिपोर्ट मंगलवार देर रात आई तो वह कोरोना पॉजिटिव निकली। इसे अस्पताल में तैनात स्टाफ की लापरवाही कहें या उन पर दबाब इस बारे कुछ नहीं कहा जा सकता। लेकिन महिला द्वारा इसको लेकर वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया है। इस वीडियो में महिला साफ तौर पर कह रही है कि वह अस्पताल के कारण लापरवाही का शिकार हुई है। हालांकि, जैसे ही यह मामला अस्पताल प्रशासन व जिला स्वास्थ्य विभाग के समक्ष आया तो उन्होंने तुरन्त इस पर जांच बैठा दी अब जांच रिपोर्ट आने पर ही असलीयत का पता चल पाएगा।
क्या कह रही है महिला वायरल वीडियो में
वीडियो में महिला बता रही है कि वह 3 दिनों से क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में एडमिट थी, उसने बताया कि वह प्रेग्नेंट थी और गायनी वार्ड में एडमिट थी। लगभग तीन दिन के बाद जब उसकी कोविड-19 रिपोर्ट नेगेटिव बताकर अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। इसके बाद वह बाजार होते हुए होटल में खाना खाते हुए अपने घर वापस लौट आई। उसने वीडियो में बताया कि वह बीडीओ ऑफिस के नजदीक अपने घर पर पहुंची थी, जैसी ही घर पर पहुंची उसके बाद उसे स्वास्थ्य विभाग की तरफ से फोन कॉल आया जिसमें बताया गया कि उसकी रिपोर्ट कोरोना पॉजिटीव आई है।
अपना दर्द सुनाते हुए युवती ने कहा कि अब जब उसकी रिपोर्ट नेगेटिव बताई गई और बाद में वह पॉजिटिव निकली तो किसकी गलती है क्योंकि वह बाजार से होते हुए होटल में खाना खाते हुए है। बहुत से लोगों से मिली थी जिसे अब उन लोगों में भी संक्रमण फैलने का चांस बढ़ चुके हैं युवती ने सोशल मीडिया के जरिए लोगों से अपील की है कि वह बताएं कि इस घटना में किसकी गलती है।
क्या कहना है जिला स्वास्थ्य विभाग और अस्पताल प्रशासन का
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. एनके गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच शुरू कर दी गई है,उन्होंने बताया कि 3 दिनों से यह गर्भवती युवती गायनी वार्ड में एडमिट थी। इसकी कोविड रिपोर्ट अंडर प्रोसेस थी जिस कारण स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा उसे नेगेटिव बताकर घर भेज दिया गया। उन्होंने बताया कि जिस भी किसी स्वास्थ्य कर्मचारी की इसमें गलती रही है। उसके खिलाफ जांच बैठा दी गई है। उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। वहीं, युवती से पूछताछ की जा रही है कि वह किन किन लोगों के संपर्क में आई थी उन्हें आइसोलेट स्वास्थ्य विभाग कर रहा है।
क्षेत्रीय अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. अशोक हांडा ने बताया कि महिला द्वारा स्टाफ को कई बार छुट्टी के लिए कहा गया। इसको लेकर जब तैनात स्टाफ द्वारा टेस्ट की लिखी गई, तो लिस्ट में नहीं लिखा था। हालांकि, महिला का कोरोना टेस्ट जांच के लिए भेजा गया था और अंडर प्रोसेस था। स्टाफ द्वारा लिस्ट देखने के बाद महिला को नेगेटिव बता दिया और छुट्टी दे दी। जैसे ही शाम को महिला के कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव का पता चला तो तुरंत महिला को कोविड केयर सेंटर नौणी शिफ्ट कर दिया गया था। इस पूरे मामले को लेकर अस्पताल प्रशासन द्वारा इंक्वायरी बिठा दी गई है।
सीएमओ सोलन डा. राजन उप्पल का कहना है कि उन्हें इस वायरल हुई वीडियो बारे पता चला है। महिला क्षेत्रीय अस्पताल सोलन में एडमिट थी। चूक कहा हुई है इस बारे जांच की जा रही है। बरहाल हर पहलू को देखा जा रहा है।