DNN नौणी(सोलन)
29 जून। डॉ. यशवंत सिंह परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी में कृषि महाविद्यालय, सोलन के पहले प्राचार्य स्वर्गीय पूरन आनंद अदलखा को याद किया गया। विश्वविद्यालय में एक बैठक आयोजित की गई और उनकी स्मृति में विश्वविद्यालय में स्थापित स्वर्ण पदक और पुरस्कारों पर चर्चा की गई।
बैठक की अध्यक्ष
ता प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल ने की। पूरन आनंद अदलखा के बेटे ब्रिगेडियर अनिल कुमार अदलखा (सेवानिवृत्त) और बहू सुनीता अदलखा के साथ विश्वविद्यालय के सभी वैधानिक अधिकारी, विभागाध्यक्ष भी इस बैठक में शामिल हुए। बैठक के दौरान पूरन आनंद अदलखा के योगदान सहित कृषि और बागवानी के क्षेत्र में शैक्षणिक और विकास गतिविधियों को कैसे समर्थन किया सकता है पर चर्चा हुई
ब्रिगेडियर अदलखा ने अपने दिवंगत पिता की याद में विश्वविद्यालय में ‘सर्वश्रेष्ठ समग्र छात्र’ के लिए एक स्वर्ण पदक प्रायोजित किया है
। पूरन आनंद अदलखा, कृषि शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रसिद्ध नाम थे और उन्होंने भारत और पाकिस्तान में प्रतिष्ठित कृषि विश्वविद्यालयों और संस्थानों में अपनी सेवाएं दी। वह एक शिक्षाविद होने के साथ-साथ एक खिलाड़ी भी थे। उनकी याद में विश्वविद्यालय पूरन आनंद अदलखा सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी पुरस्कार भी प्रदान कर रहा है, जो हर वर्ष विश्वविद्यालय की वार्षिक खेल प्रतियोगिता के दौरान सर्वश्रेष्ठ पुरुष और महिला खिलाड़ी को प्रदान किया जाता है। पिछले कुछ वर्षों से विश्वविद्यालय द्वारा स्वर्ण पदक और सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार दिया जा रहा है।
बातचीत के दौरान, ब्रिगेडियर अदलखा ने अपने दिवंगत पिता के नाम पर स्वर्ण पदक पुरस्कार और सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी पुरस्कार देने के लिए विश्वविद्यालय का धन्यवाद दिया। उन्होंने मेधावी छात्रों के लिए कोई अन्य फेलोशिप शुरू करने में विश्वविद्यालय का समर्थन करने में भी रुचि व्यक्त की। उन्होंने कॉलेज के पहले प्रिंसिपल के नाम पर एक संग्रहालय का भी प्रस्ताव रखा, जिसमें महाविद्यालय से विश्वविद्यालय बनने तक के इतिहास दिखाया जाए। उन्होंने विश्वविद्यालय को एन॰आई॰आर॰ए॰फ॰ रैंकिंग और देश में सब्जी फसलों के लिए सर्वश्रेष्ठ केंद्र पुरस्कार के लिए भी बधाई दी।
प्रोफेसर चंदेल ने कृषि और बागवानी क्षेत्र में मेधावी छात्रों का समर्थन करने और खुद को उस विश्वविद्यालय की गतिविधियों से जुड़े रखने के लिए ब्रिगेडियर अदलखा को धन्यवाद दिया । उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय जल्द ही कृषि महाविद्यालय के पहले प्रिंसिपल की याद में मेधावी छात्रों के समर्थन के लिए नए कार्यक्रम विकसित करने का प्रयास करेगा।