कूड़ा प्रबंधन के नाम पर टेंडरों में घालमेल, आज भी 5000 टन पुराना कूड़ा पड़ा सड़ रहा

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भाजपा शहरी मंडल अध्यक्ष शैलेंद्र गुप्ता ने सोलन नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सीधा हमला करते हुए इसे भ्रष्टाचार का गढ़ करार दिया है। उन्होंने कहा कि नगर निगम के स्वच्छता विभाग ने योजनाबद्ध तरीके से भ्रष्ट टेंडरों के जरिए करीब 7 करोड़ रुपये की चपत नगर निगम को लगाई है।

शैलेंद्र गुप्ता के अनुसार सितंबर 2021 में ठोस कचरा प्रबंधन के लिए एक महंगा टेंडर पास किया गया था, जिसके तहत ताजा और पुराना दोनों प्रकार के कचरे के निपटान का जिम्मा सौंपा गया। यह घोटाला भाजपा पार्षदों के संज्ञान में आते ही 28 अप्रैल 2022 को सार्वजनिक तौर पर उठाया गया, और लिखित विरोध दर्ज कराया गया था।

उन्होंने खुलासा किया कि 2021 में ताजा कूड़ा निपटान का रेट 1962 रुपए प्रति टन रखा गया था, जबकि अब चार साल बाद यही कार्य 1325 रुपए प्रति टन में किया जा रहा है। बावजूद इसके यह रेट भी ज्यादा है क्योंकि नगर निगम मंडी में यही कार्य 800 रुपए प्रति टन में हो रहा है। वहीं, पुराने कूड़े का टेंडर 870 रुपए प्रति टन में दिया गया था और दावा किया गया था कि 2023 तक कचरे को हटाकर ग्राउंड ज़ीरो किया जाएगा। लेकिन 2025 में भी 5000 टन पुराना कचरा वहीं पड़ा सड़ रहा है।

शैलेंद्र गुप्ता ने एक और गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि हाल ही में नगर निगम स्वच्छता विभाग ने दस्ताने, रेनकोट और अन्य सामग्री की नई खरीद के लिए प्रस्ताव भेजा, जबकि कमिश्नर ने स्वयं स्टोर में जाकर देखा कि भारी मात्रा में यह सामान पहले से ही जमा है। इसके बावजूद नए सामान की मांग, वित्तीय संकट झेल रहे नगर निगम के लिए एक और बोझ है। भाजपा शहरी मंडल सोलन ने मांग की है कि इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और दोषी अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाए।

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