एचपी शिवा परियोजना ने बदली धर्मपुर क्षेत्र के 41 किसानों की तकदीर

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हिमाचल प्रदेश में बागवानी न केवल किसानों व बागवानों के लिए आजीविका का एक स्त्रोत है बल्कि यह ग्रामीण विकास, रोजगार सृजन और आर्थिक स्थिरता का भी प्रमुख स्तंभ है। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अगुवाई में राज्य सरकार बागवानी क्षेत्र को नए आयाम देने में जुटी है। बागवानी को बढ़ावा देते हुए प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान हिमाचल प्रदेश उपोष्णकटिबंधीय बागवानी, सिंचाई एवं मूल्यवर्द्धन (एचपी शिवा) परियोजना के माध्यम से 100 करोड़ रुपये व्यय करने का प्रावधान किया है। सरकार के इस महत्वपूर्ण कदम से न केवल प्रदेश के निचले क्षेत्रों में शिवा परियोजना के माध्यम से बागवानी को बल मिल रहा है, बल्कि प्रदेश सरकार के यह प्रयास धरातल में फलीभूत भी हो रहे हैं।

इस परियोजना का असर अब जमीनी स्तर पर साफ दिखने लगा है। मंडी जिला के धर्मपुर उपमंडल के ललाणा कलस्टर में बागवानी की सफलता की कहानी खुद किसानों की जुबानी बयां हो रही है। उपमंडल धर्मपुर के अंतर्गत ललाणा क्लस्टर में इन दिनों मौसम्बी की फसल लहलहा रही है। एचपी शिवा परियोजना के तहत लगभग 5 हैक्टेयर भूमि में स्थापित इस बगीचे में मौसम्बी की फसल तैयार हो चुकी है तथा लाभार्थी किसान अब इसे बाजार भेजने की तैयारी में जुट गए हैं।

इस क्लस्टर में ब्लड रेड व जाफ़ा प्रजाति के लगभग 4700 मौसम्बी के पौधे रोपित किए गए हैं। क्लस्टर में जुड़े किसानों की विभिन्न गतिविधियों को संचालित करने के लिए कम्यूनिटी हॉर्टिकल्चर प्रोडक्शन मार्केटिंग एसोसिएशन व वाटर यूजर एसोसिएशन का भी गठन किया गया है।

लाभार्थी किसान एवं क्लस्टर के अंतर्गत गठित कम्यूनिटी हॉर्टिकल्चर प्रोडक्शन मार्केटिंग एसोसिएशन व वाटर यूजर एसोसिएशन के उप प्रधान अमर सिंह बताते हैं कि करीब चार वर्ष पूर्व बागवानी विभाग के माध्यम से बतौर एफएलडी मौसम्बी के पौधे रोपित किए गए। वर्तमान में लगभग 41 किसान इससे जुड़ चुके हैं। इस क्लस्टर में बागवानी एवं जलशक्ति विभाग के माध्यम से भूमि विकास, बेड व पिट तैयार करना, सोलर बाड़बंदी, ड्रिप सिंचाई सुविधा तथा उठाऊ सिंचाई परियोजना के माध्यम से जल उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। इसके अतिरिक्त लगभग 50 हजार लीटर क्षमता का पानी का टैंक भी निर्मित किया गया है। क्लस्टर में उनके लगभग 200 मौसम्मी के पौधे हैं, जिनसे औसतन प्रति पौधा 50 से 60 किलोग्राम मौसम्बी उत्पादन की उम्मीद है।

अन्य लाभार्थी किसान अच्छर सिंह व रमेश चंद का कहना है कि ब्लड रेड और जाफ़ा प्रजाति की मौसम्बी में छिलके पतले होते हैं और रस की मात्रा अधिक होती है। यह स्वाद में भी अत्यंत उत्तम व मीठी है। किसानों को उम्मीद है कि इस बार उन्हें अच्छे दाम मिलने से आमदनी में और अधिक वृद्धि होगी। बागवानी विभाग धर्मपुर की मदद से इस बार रिलायंस स्टोर राजपुरा ललाणा से मौसम्बी खरीद कर रहा है। ललाणा क्लस्टर से पहली 20 क्विंटल की फसल राजपुरा भेजी गई है। इस बार मौसम्बी बाजार में 35 से 40 रूपये प्रति किलो बिक रही है।

बागवानी विभाग ने किसानों को तकनीकी मार्गदर्शन देने के लिए फैसिलिटेटर, क्लस्टर इंचार्ज तथा फील्ड ऑपरेटर भी तैनात किए हैं। युवाओं से भी बागवानी के साथ जुड़ने का आह्वान किया है ताकि घर के समीप ही न केवल रोजगार के अवसर सृजित किए जा सकें बल्कि वह स्वावलंबी बनकर दूसरों के लिए रोजगार सृजन का कार्य भी कर सकें।

क्या कहते हैं अधिकारी

विषयवाद् विशेषज्ञ (बागवानी) धर्मपुर डॉ. अनिल ठाकुर ने बताया कि हिमाचल प्रदेश शिवा परियोजना के माध्यम से जिला मंडी के धर्मपुर में कुल 63 क्लस्टर स्थापित किए गए हैं। इनके अंतर्गत मौसम्बी (नींबू प्रजाति), अमरूद और लिची की खेती को बढ़ावा दिया गया है तथा लगभग 250 हेक्टेयर भूमि को कवर किया गया है। यह क्लस्टर धर्मपुर के लगभग 1500 किसानों की आमदनी सुदृढ़ कर रहे हैं। बागवानी विभाग किसानों को मार्केटिंग की सुविधा भी उपलब्ध करवा रहा है ताकि फसल के बेहतर दाम मिल सकें।

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