इसे अपनाने से भी रोका जा सकता है कैंसर

Others Solan
DNN सोलन ब्यूरो 
27 नवंबर। फार्मास्यूटिकल्स के विकास के लिए बायोमेडिकल एंड एलाइड साइंसेज फॉर कॉन्फ्लुएंस ऑफ डेवलपमेंट ’पर तीन दिवसीय ऑनलाइन  अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का  वैज्ञानिक सत्र शुक्रवार को आयोजित किया गया। सत्र की अध्यक्षता एमआरएस पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय, बठिंडा के प्रोफेसर आशीष बाल्दी ने की, जिन्होंने डा. गौतम सेठी, नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ सिंगापुर की बायोपिक का स्वागत किया । डा. सेठी ने ‘कैंसर चिकित्सा के लिए ऑन्कोजेनिक प्रतिलेखन कारकों को लक्षित’ विषय पर विचार-विमर्श किया।

डॉ। सेठी कैंसर जीवविज्ञान के क्षेत्र में एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक हैं, जिनके उच्च प्रतिष्ठा के 350 प्रकाशन हैं और उच्चतम उद्धरणों के साथ एक फीसदी वैज्ञानिकों के बीच स्थान दिया गया है। उन्होंने औषधीय पौधे, नीम (अजाडिरेक्टा इंडिका) से अलग सक्रिय निम्बोलाइड की प्रभावकारिता पर भी जोर दिया। उन्होंने नीम के पौधे को पारंपरिक चिकित्सा पद्धति से लेने के लिए एक उच्च अनुसंधान का एक मार्ग प्रस्तुत किया और इंसिलको, प्रीक्लिनिकल और जीन आधारित का उपयोग करके मूल्यांकन किया। परीक्षा नियंत्रक (सीओई) प्रोफेसर रोहित गोयल ने सभी प्रतिभागियों और अतिथियों का स्वागत किया। सत्र अन्य सदस्यों और छात्रों द्वारा प्रश्न उत्तर दौर के साथ समाप्त हुआ। सत्र से दो प्रासंगिक परिणाम विशिष्ट आनुवांशिक लक्ष्यों के साथ  रोग संबंधी दृष्टिकोणों को नियोजित करना था, मूल्यांकन और आहार, शारीरिक व्यायाम और प्राकृतिक चिकित्सा दवाओं से संबंधित पारंपरिक जीवन शैली पर वापस लौटना कैंसर की व्यापकता को कम कर सकता है ।

तीसरे सत्र में पेपर प्रस्तुति का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न संस्थानों के छात्रों और विद्वानों ने भाग लिया। विशेषज्ञों का एक पैनल, डा. जीएल गुप्ता, डा. सूरजपाल, डा. निर्मल, डा. मुनीश गोयल, शूलिनी यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ डा. गौरव, डा. अरुण, डा. हेमलता और डा. नवनीत ने प्रस्तुतियों का मूल्यांकन किया।

News Archives

Latest News