इतिहास में पहली बार किसी सरकार ने साहिबजादों की कर्बानी को दी सच्ची श्रद्धांजलिः सत्ती 

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DNN ऊना
16 जनवरी 26 दिसंबर को प्रति वर्ष वीर बाल दिवस के रूप में मनाने की केंद्र सरकार की घोषणा का ऊनावासियों ने स्वागत किया है। छठे राज्य वित्तायोग की अध्यक्षता में रक्कड़ कॉलोनी में हुई एक बैठक में ऊना विस क्षेत्र के विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों ने मोदी सरकार के इस फैसले की सराहना की। बैठक में सत्ती ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का फैसला एतिहासिक है तथा इतिहास में पहली बार किसी सरकार ने साहिबजादों के बलिदान को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की है। सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने हिंदू धर्म की रक्षा के लिए अपनी चारों संतानों को कुर्बान कर दिया था। शहादत के वक्त गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादे अजीत सिंह की आयु 18 और जुझार सिंह की 15 वर्ष थी। 26 दिसंबर को दोनों साहिबजादे मुगलों के साथ लड़ते हुए चमकौर में धर्म की रक्षा के लिए शहीद हो गए, जबकि दो छोटे साहिबजादों नौ वर्ष के जोरावर सिंह और छह वर्ष के फतेह सिंह को धर्म परिवर्तन न करने के कारण 28 दिसंबर को दीवार में चुनवा दिया गया था। उन्होंने कहा कि दोनों साहिबजादों ने धर्म के महान सिद्धांतों से हटने की बजाय मृत्यु को प्राथमिकता दी। इसलिए केंद्र सरकार का 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में मनाना उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है।
सतपाल सिंह सत्ती ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी, माता गुजरी और 4 साहिबजादों की वीरता और आदर्श करोड़ों देशवासियों को प्रेरणा देते हैं।
बैठक में उपस्थित सभी ने केंद्र सरकार की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया और कहा कि अगले वर्ष ऊना में वीर बाल दिवस धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। वीर बाल दिवस पर ऊना शहर में भव्य नगर कीर्तन होगा और उम्मीद है कि तब तक कोरोना महामारी का प्रकोप भी कम हो जाएगा।
बैठक में बलविंदर सिंह, काला, परमजीत सिंह, बॉबी, लक्की, अमरैली, हरजीत सिंह, शीतल सिंह, जीत सिंह, दिलबाग, अमरीक सिंह, मनजिंदर, तरसेम सिंह, कुलदीप सिंह, हरजाप सिंह, बिंदर सिंह, बलजीत सिंह, सोनू, सुरिंदर सिंह, दिदार सिंह, इकबाल सिंह, गुरमुख सिंह, गुलजार सिंह, जगतार सिंह, भजन सिंह मान, निर्मल सिंह तथा सुक्खू सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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