DNN सोलन
अतिरिक्त उपायुक्त सोलन राहुल जैन ने आज यहां अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के अंतर्गत गठित ज़िला स्तरीय सतर्कता एवं प्रबोधन समिति, प्रधानमंत्री का नया 15 सूत्रीय कार्यक्रम तथा दिव्यांगजन अधिकार संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत गठित ज़िला स्तरीय समिति एवं राष्ट्रीय न्याय अधिनियम के अंतर्गत गठित स्थानीय ज़िला स्तरीय समिति की त्रैमासिक बैठक की अध्यक्षता की।
राहुल जैन ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के अंतर्गत पंजीकृत मामलों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के तहत विभिन्न धाराओं के अंतर्गत एक लाख रुपए से 8 लाख 25 हज़ार रुपए तक की राहत राशि देने का प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि विभिन्न अधिनियमों का उद्देश्य सम्बन्धित वर्गों को समय पर राहत पहुंचाना है और यह सुनिश्चित बनाना है कि भारत के संविधान के अंतर्गत प्रदत्त अधिकार सुरक्षित रहें। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए विभिन्न विभागों का आपसी समन्वय के साथ कार्य करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सम्बन्धित अधिकारी अपने कार्यों को जिम्मेदारी से पूरा करें ताकि पात्र लाभार्थियों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ समय पर मिल सके।
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अनुसूचित जाति विकास कार्यक्रम का उद्देश्य अनुसूचित जाति समुदाय का व्यक्तिगत तथा आधारभूत विकास योजनाओं का कार्यान्वयन कर उनका आर्थिक, सामाजिक तथा शैक्षणिक उत्थान करना है।
राहुल जैन ने 15 सूत्रीय कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए सभी सम्बन्धित विभागों को 15 सूत्रीय कार्यक्रम पर गम्भीरता से कार्य करने तथा प्रगति से अवगत करवाने के निर्देश दिए।
प्रधानमंत्री का नया 15 सूत्रीय कार्यक्रम के अंतर्गत आर्थिक क्रियाकलापों के लिए हिमाचल प्रदेश अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम शिमला द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के 23 लोगों को 31 दिसंबर, 2024 तक एक करोड़ 42 लाख 80 हज़ार रुपए के ऋण वितरित किए गए।
उन्होंने शिक्षा तथा महिला एवं बाल विकास विभागों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि उनके अधीनस्थ संस्थानों में भेदभाव की घटनाओं पर पूर्ण रोक रहे।
अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि मदरसा शिक्षा का आधुनीकीकरण महत्वपूर्ण है और इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए शिक्षा विभाग को नालागढ़ स्थित मदरसा का निरीक्षण सुनिश्चित बनाना चाहिए।
राहुल जैन ने दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 की धारा 72 के अंतर्गत गठित ज़िला स्तरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि छात्रवृत्ति योजना के तहत वित्त वर्ष 2024-25 में 34 पात्र दिव्यांग छात्रों को 3 लाख 45 हजार रुपए प्रदान किए गए हैं। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 की जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए ज़िला स्तर पर कार्यशाला व ग्राम पंचायत स्तर पर शिविर का आयोजन करने के निर्देश दिए।
राष्ट्रीय न्यास अधिनियम, 1999 के अन्तर्गत गठित स्थानीय स्तरीय समिति की बैठक में मानसिक रूप से दिव्यांग व्यक्तियों के 25 मामले कानूनी संरक्षक बनाने के लिए प्राप्त हुए हैं। इन मामलों में कानूनी संरक्षक बनाने की स्वीकृति प्रदान करने पर विचार किया गया।
कल्याण समिति के सदस्य सचिव एवं ज़िला कल्याण अधिकारी गावा सिंह नेगी ने क्रमवार मद प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि वर्तमान में ज़िला के विभिन्न न्यायालयों में कुल 56 मामले विचाराधीन हैं जबकि 12 मामलों में निर्णय हो चुका है।
बैठक में नगर निगम सोलन की महापौर उषा शर्मा, नगर निगम सोलन की संयुक्त आयुक्त बिमला कश्यप, ज़िला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शालिनी शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बद्दी अशोक वर्मा, पुलिस उपाधीक्षक सोलन अनिल धौल्टा, ज़िला पंचायत अधिकारी जोगिन्द्र राणा, ज़िला न्यायवादी संजय पंडित, ज़िला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. पदम देव सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
