DNN नाहन (अब्दुल)
17 फरवरी।आगामी गर्मी के मौसम को देखते हुए हिमाचल वन विभाग जंगलों की आग से निपटने के लिए योजना तैयार कर रहा है, ताकि प्रदेश में हर साल आग से लाखों हेक्टेयर तबाह होने वाले जंगलों को बचाया सके। इसी उद्देश्य को लेकर हिमाचल वन विभाग से जिला मुख्यालय नाहन में आज एक दिवसीय कार्यशाला को आयोजित किया।
ग्रीन इंडिया मिशन के तहत हिमाचल वन विभाग द्वारा चीड़ के पत्तों से प्राकृतिक फायबर तैयार कर लोगों को आजीविका प्रदान करने विषय पर यह कार्यालय हिमाचल वन विभाग के पीसीसीएफ हॉफ अजय श्रीवास्तव की अध्यक्षता में हुई। अहम बात यह भी रही कि इस दौरान फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट, आईसीएफआरई देहरादून के अधिकारी भी मौजूद रहे, जिनकी देखरेख में इस संबंध में विस्तार से चर्चा की गई।मीडिया से बात करते हुए हिमाचल वन विभाग के पीसीसीएफ हॉफ अजय श्रीवास्तव ने बताया कि जंगलों में आग लगने का मुख्य कारण चीड़ की पत्तियां रहता है, जोकि जंगलों के साथ-साथ सड़कों के किनारे एकत्रित हो जाती है। उन्होंने बताया कि वन विभाग का प्रयास है कि ग्रामीणों की मदद से इन चीड़ की पत्तियों को समय-समय पर हटाया जाए। ग्रामीण इन चीड़ की पत्तियों से फायबर निकालकर विभिन्न तरह के उत्पाद तैयार कर अपनी आजीविका को बढ़ा सकते हैं। इसकी मार्केटिंग को लेकर भी पूरे प्रयास किए जाएंगे। अजय श्रीवास्तव ने बताया कि ग्रामीण विकास विभाग, वन निगम आदि विभागों का भी सहयोग लिया जा रहा है। ग्रामीणों को भी इस बारे जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मकसद साफ है कि एक योजना तैयार कर जहां जंगलों को आग से बचाया जा सके, तो वहीं लोगों आजीविका को भी बढ़ाया जा सके।अजय श्रीवास्तव, पीसीसीएफ हॉफ बता दें कि हिमाचल में चीड़ भारी मात्रा में पाया जाता है। ऐसे में वन विभाग का यह प्रयास जहां वन संरक्षण में सहायक साबित होगा, वही लोगों को रोजगार सृजन में भी मददगार साबित होगा।