DNN सोलन
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सहकारिता मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने युवाओं का आह्वान किया कि वे स्वामी विवेकानंद के जीवन चरित्र का अनुसरण करते हुए भारतीय संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए एकजुट होकर कार्य करें। डॉ. सैजल आज नगर परिषद सोलन के सभागर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सोलन इकाई द्वारा आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह में उपस्थित प्रतिभागियों एवं अन्य को मुख्यातिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। इस समारोह में जिला स्तरीय स्वामी विवेकानंद सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया। डॉ. सैजल ने कहा कि स्वामी विवेकानंद भारतीय संस्कृति एवं भारतीयता के प्रखर प्रवक्ता, युगीन समस्याओं के समाधायक, अध्यात्म और विज्ञान के समन्वयक एवं आध्यात्मिक सोच के साथ पूरी दुनिया को वेदों और शास्त्रों का ज्ञान देने वाले एक महामनीषी युग पुरुष थे। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी यदि स्वामी विवेकानंद के जीवन चरित्र को सही ढंग से समझे तो निश्चित रूप से एक सशक्त समाज का निर्माण किया जा सकता है।
डॉ. सैजल ने कहा कि हमारे देश की संस्कृति का यशोगान पूरे विश्व में है। युगों से सर्वस्व ज्ञान व अध्ययन की प्राप्ति के लिए भारत की ओर देखा जाता रहा है। उन्होंने कहा कि युवा देश की इस छवि को कायम रखने के लिए राष्ट्रवाद की भावना के साथ सामूहिक प्रयास करें।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि राष्ट्र पुनर्निर्माण के लक्ष्य को सन्मुख रखकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) एक देशव्यापी छात्र संगठन के रूप में अपने बहुआयामी और विविध गतिविधियों के साथ समाज के हर पहलू को छू रहा है। उन्होंने कहा कि स्वतन्त्रता के उपरान्त इस बात को महसूस किया गया कि छात्रों में राष्ट्रवाद और देश भक्ति की भावना जगाने के लिए एक छात्र संगठन होना चाहिए। इस प्रकार वर्ष 1948 में स्वतंत्रता के एक वर्ष के पश्चात एबीवीपी छात्रों की ऊर्जा को राष्ट्र पुनर्निर्माण में लगाने के उद्देश्य से अस्तित्व में आई।
उन्होंने कहा कि एबीवीपी देश के लिए एक ऐसा छात्र संगठन है जो युवाओं को सही राह दिखलाकर राष्ट्रहित में योगदान दे रहा है। एबीवीपी ने देश और समाज के बारे में युवा पीढ़ी को जागरूक बनाने की दिशा में अथक प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा छात्र संगठन है जो सदैव युवाओं को रचनात्मक गतिविधियों के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने एबीवीपी का आह्वान किया कि वे प्रदेश सरकार की नशा निवारण मुहिम को सफल बनाने के लिए कार्य करें ताकि हिमाचल को नशामुक्त बनाया जा सके।