डीएनएन सोलन
किसी समय भाजपा में तूफान मचा देने वाली मित्र मंडली के संस्थापक एवं पूर्व परिवहन मंत्री महेंद्र नाथ सोफत की रविवार को मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में मंच पर उपस्थिति से भाजपा में खलबली मच गई है। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के ओएसडी भीड़ में खड़े महेंद्र नाथ सोफत को अपने साथ लाए और उन्हें मुख्यमंत्री के पास मंच पर बिठाया। यह दृश्य देखने के बाद भाजपा कई नेताओं में खलबली मच गई। रविवार को सीएम के सोलन दौरे के दौरान सोफत को आदर सहित मंच पर बिठाया गया और सीएम ने बाकायदा उनका नाम लेकर भी संबोधित किया। सोफत को इस कार्यक्रम में मंच तक मुख्यमंत्री द्वारा पहुंचने से उनके भाजपा में वापसी के संकेत भी मिल रहे है। उनकी भाजपा में वापसी कई नेताओं को अखर भी सकती है और सोलन भाजपा में विरोध के स्वर भी उभर सकते हैं। अब देखना यह है कि सोफत विधिवत रूप से भाजपा में दोबारा कब वापसी करते हैं।
बता दें कि महेंद्र नाथ सोफत वर्ष 1990 में भाजपा सरकार में परिवहन मंत्री थे। वर्ष 1992 में अयोध्या मामले में भाजपा की सरकार ढह गई। वर्ष 1993 के चुनावों में सोफत अपना चुनाव हार गए और सोलन से मेजर कृष्णा मोहिनी विधायक बनी। वर्ष 1998 के चुनाव में सोफत मात्र 26 मतों के अंतर से मेजर कृष्णा से फिर हार गए और उन्होंने अदालत में अपनी हार को चुनौती दी और वर्ष 2000 में अदालत ने चुनाव को रद्द करते हुए दोबारा चुनाव के आदेश दिए थे। इसी बीच सोलन में प्रत्याशी को लेकर शांता व धूमल में खींचतान शुरू हो गई और आखिर में तत्कालीन सीएम धूमल ने नगर परिषद सोलन के तत्कालीन अध्यक्ष रहे डॉ. राजीव बिंदल को टिकट दिया और उन्होंने मेजर कृष्णा मोहिनी को लगभग साढ़े तीन हजार मतों से पराजित किया था। उसके बाद से ही महेंद्र नाथ सोफत राजनीतिक हाशिए पर चले गए थे। हालांकि मित्र मंडली, हिलोपा और आम आदमी पार्टी के बाद डैमोके्रटिक फ्रंट भी बनाया गया, लेकिन वह खुद को ढंग से राजनीति में स्थापित नहीं कर पाए।
अब प्रदेश में जयराम ठाकुर के नेतृत्व में बनी सरकार के समय में सोफत की भाजपा में लंबे अरसे बाद वापसी संभव है। रविवार को सोफत सीएम की जनसभा के दौरान पंडाल में बैठे थे, तभी उन्हें मंच पर आमंत्रित किया गया। अपने संबोधन में सीएम जयराम ठाकुर ने बाकायदा उनका नाम लिया और कहा कि सोफत उनके पुराने साथी हैं। इससे साफ संकेत है कि सोफत की भाजपा में शीघ्र वापसी हो सकती है और उनके कई साथी भी दोबारा से भाजपा में आ जाएंगे। हालांकि सोफत की भाजपा में वापसी को कई नेता न पचा पाएं, लेकिन यह माना जा रहा है कि सोफत को सम्मानजनक पद पार्टी में मिल सकता है। इस बारे में जब सोलन विस क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी रहे डॉ. राजेश कश्यप से पूछा गया तो उन्होंने साफ कहा कि यदि सोफत दोबारा भाजपा में आते हैं तो उनका स्वागत है। उनके आने से पार्टी और अधिक मजबूत होगी और वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों में पार्टी बहुमत से विजयी होगी।
