बिना पैसे कैसे करवाएं पति व बेटे का इलाज

Others Solan

DNN सोलन
सोलन के नौणी के समीप पाजो गांव निवासी तिल्लु देवी पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। बीते साल एक कार दुर्घटना में बेटा 100 फीसदी अपंग हो गया था। अपंग हो चुके बेटे की सेवा के लिए मां को डेली वेज वर्कर की नौकरी छोडऩी पड़ी। वह डॉ. वाईएस परमार यूनिवर्सिटी नौणी में डेली वेज वर्कर के रूप में काम करती थी, लेकिन बेटे की दुर्घटना के बाद काम नहीं जा सकी क्योंकि बेटे के पास एक व्यक्ति 24 घंटे चाहिए। पति ट्रक ड्राइवर था, जिसका 10 अप्रैल 2018 का रोहड़ू के समीप एक्सीडेंट हो गया और वह आईजीएमसी शिमला में उपचाराधीन है। चार बच्चे और अब आय का कोई साधन नहीं है। ऐसे में सोलन के नौणी के साथ लगते पाजो गांव की तिल्लु देवी को आर्थिक मद्द की जरूरत है। वह शिमला में अपने पति की देखभाल करें या फिर घर पर 19 वर्षीय बेटे को देखें। ईलाज के लिए 10 फीसदी ब्याज पर जो पैसे लिए हैं, उसे वो कैसे लौटाए। उसे कहीं से भी उ मीद की किरण नजर नहीं आ रही है।

तिल्लू देवी ने बताया कि मेरा बेटा मनोज (19 वर्ष) का 21 मार्च 2017 को सोलन के समीप अश्विनी खड्ड कार एक्सिडेंट हुआ था। एक्सिडेंट के बाद उसकी रीड़ की हड्डी में लगी चोट के कारण उसका आधा शरीर काम नहीं करता। गले में पाइप लगी है, वह बोल भी नहीं पाता और न ही बिस्तर से उठ सकता है। पीजीआई चंडीगढ़ से उसका उपचार करवा रही हूं। माह में दो बार उसे पीजीआई ले जाना पड़ता है और उसका 10 हजार रुपए प्रतिमाह का खर्चा है। अब घर में एकमात्र कमाने वाला पति भी दुर्घटना के चलते आईजीएमसी में उपचाराधीन है। चार बच्चों का खर्च और बेटे व पति का ईलाज कैसे करवाएं, यह उसके समक्ष सबसे बड़ी समस्या है। तिल्लु देवी ने बताया कि बेटे ऑप्रेशन पर करीब 2.5 से 3 लाख रुपए खर्च होगा। इतनी रकम कहां से लाएं। उसने प्रदेश की समाजसेवी संस्थाओं और मुख्यमंत्री से मांग की है कि उसकी आर्थिक मदद की जाए ताकि वह अपने पति व बेटे का ईलाज करवा सकें।

 

News Archives

Latest News