कांग्रेस पार्टी का दोहरा चेहरा, जीएसटी काउंसिल बैठक में करते हैं समर्थन बाहर करते हैं विरोध : रणधीर

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– केंद्र सरकार द्वारा लिए गए जनहित के निर्णयों को नहीं पचा पा रही कांग्रेस
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शिमला, भाजपा के विधायक एवं मीडिया प्रभारी रणधीर शर्मा ने कांग्रेस पार्टी के दोहरे चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि जीएसटी काउंसिल की बैठक में कांग्रेस शासित राज्यों के वित्त मंत्री केंद्र सरकार द्वारा लिए गए जनहित के निर्णयों का समर्थन करते हैं और बैठक के बाहर जब कांग्रेस पार्टी के सर्वश्रेष्ठ नेता राहुल गांधी इन सुधारों का विरोध करते हैं उसके बाद कांग्रेस नेता प्रदेशों में भी निर्णयों का विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के उद्योग मंत्री हर्षवर्धन ने भी जीएसटी द्वारा जनता को राहत देने वाले निर्णय का विरोध किया, जो कांग्रेस के जन विरोधी चेहरे को उजागर करता है। शर्मा कहा कि हम कांग्रेस के नेताओं को बताना चाहते हैं की हिमाचल प्रदेश के राजस्व की बात करते समय उन्होंने हर नागरिक को लाभ पहुंचाने वाले सुधारो के बारे में भी सोचना चाहिए। कांग्रेस नेता इसलिए नहीं सोच पाते क्योंकि अपने वर्तमान कार्यकाल में अभी तक उन्होंने एक भी ऐसा निर्णय नहीं लिया है जो कि जनहित में ह। केवल जन विरोधी निर्णय लेकर, हिमाचल प्रदेश के नागरिकों पर आर्थिक बोझ डाला है इसलिए केंद्र सरकार द्वारा लिए गए ऐतिहासिक जनहित के निर्णय यह लोग पचा नहीं पा रहे हैं। अगर राजस्व बढ़ाना है तो हिमाचल प्रदेश में निवेश एवं उद्योगवृधि को बढ़ावा देना चाहिए, राजस्व भी बढ़ेगा और रोजगार भी।
रणधीर शर्मा ने कहा कि कांग्रेस शासन के समय टूथपेस्ट, साबुन और मिनरल वॉटर पर 27% टैक्स लगता था, जबकि अब यह घटकर केवल 5% रह गया है। साइकिल, सिलाई मशीन और पूजा सामग्री तक सस्ती हो गई है। टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन और कार-बाइक जैसी वस्तुओं पर भी टैक्स में भारी कमी की गई है। शर्मा ने कहा कि मोदी सरकार ने न केवल मध्यमवर्ग और गृहणियों को राहत दी है, बल्कि किसानों और मरीजों को भी बड़ी सुविधा प्रदान की है। मेडिकल उपकरण, स्वास्थ्य बीमा और ट्रैक्टर-टायर पर टैक्स लगभग शून्य कर दिया गया है।
उन्होंने कहा का प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त 2025 को लाल किले की प्राचीर से अपने 11वें स्वतंत्रता दिवस संबोधन में जीएसटी में अगली पीढ़ी के सुधार लाने के सरकार के इरादे के बारे में बात की थी। उनके यशस्वी नेतृत्व में केवल 20 दिन में ही जीएसटी काउंसिल ने ऐतिहासिक सुधार करते हुए तमाम जरूरी वस्तुओं पर टैक्स या तो खत्म कर दिया है या फिर काफी कम कर दिया है। नए जीएसटी रेजीम में 28 प्रतिशत और 12 प्रतिशत का स्लैब ही ख़त्म कर दिया गया है।

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