DNN सोलन
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सहकारिता मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कहा कि कोरोना वायरस के खतरे से बचाव के लिए दीर्घकालिक उपाय अपनाने होंगे और इस दिशा में आयुर्वेद सभी का सम्बल बनकर उभरेगा। डॉ. सैजल आज यहां कोरोना बचाव एवं रोकथाम के लिए गठित समन्वय समिति की छठी बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
डॉ. सैजल ने कहा कि आयुर्वेद उपचार पद्धति के साथ-साथ व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए कुछ आवश्यक निर्देश देता है। इन निर्देशों को हम ऋतुचर्या एवं दिनचर्या के रूप में जानते हैं। उन्होंने कहा कि यदि व्यक्ति अपने दैनिक जीवन को आयुर्वेद के नियमों के अनुसार व्यवस्थित करें और 06 ऋतुओं के अनुरूप अपने आहार का अनुसरण करें तो उसे कभी भी रोग का भय नहीं रहेगा।
उन्होंने कहा कि योगाभ्यास व्यक्ति को स्वस्थ रखने का मूलमंत्र है। स्वस्थ जीवन के लिए हमें अनंत काल से घर पर अपनाए जा रहे औषधीय पौधों के महत्व को भी समझना होगा। उन्होंने जिला आयुर्वेद अधिकारी को निर्देश दिए कि जिला सोलन एवं प्रदेश में आयुर्वेद के माध्यम से स्वस्थ रहने के उपायों के लिए एक योजना तैयार कर उपायुक्त सोलन के माध्यम से प्रदेश सरकार को प्रेषित की जाए। इससे एक समान जानकारी लोगों तक पहुंचेगी।
डॉ. सैजल ने कहा कि कोविड-19 के खतरे से बचाव की दिशा में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के कुशल नेतृत्व में पूरे प्रदेश में अधिकारी एवं कर्मचारी सराहनीय कार्य कर रहे हैं। सोलन जिला में कोविड-19 से बचाव के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मियों को सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने उपायुक्त सोलन को ऐसे कर्मियों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन एवं कर्फ्यू समाप्त होने के उपरांत हम सभी का उत्तरदायित्व कोविड-19 के संबंध में और अधिक हो जाएगा। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि दीर्घावधि तक स्व अनुशासित होकर सोशल डिस्टेन्सिग एवं मास्क पहनकर घर से बाहर निकलने को जीवन में अपनाएं। उन्होंने कहा कि महामारी से बचने के लिए हम सभी को ऐसे नियमों को मानने के लिए तैयार होना होगा।
बैठक में अवगत करवाया गया कि जिला के परवाणू क्षेत्र में 85 प्रतिशत, बद्दी में 87 प्रतिशत, नालागढ़ के शहरी क्षेत्रों में 98 प्रतिशत तथा झाड़माजरी में 89 प्रतिशत व्यक्तियों को उनके घरद्वार पर सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत मिलने वाली राशन सामग्री प्रदान की जा चुकी है। पशुपालन विभाग द्वारा कर्फ्यू अवधि के दौरान अब तक 12482 क्विंटल तूड़ी जिला में पहुंचाई गई है। इसके लिए 270 परमिट जारी किए गए हैं। इस अवधि में 3082 पशुओं की आपात चिकित्सा की गई है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा सोलन जिला में कोरोना संक्रमण की जांच के लिए 800 से अधिक व्यक्तियों का परीक्षण किया गया है जो कि प्रदेश में सर्वाधिक है।