सोलंगनाला में लगाई प्रदेश की पहली स्नो मेकिंग मशीन, यूरोप से मंगवाई स्नो गन

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DNN मनाली (रेणुका गोस्वामी) 
सर्दियों में देश विदेश से मनाली आने वाले सैलानी पर्यटन नगरी के पर्यटन स्थलों में बिना बर्फ़बारी के स्कीइंग का आनंद ले सकेंगे। सोलंगनाला के युवाओ ने मिलकर एक स्नो मेकिंग मशीन लाई है। यह मशीन प्रदेश की पहली मशीन है जो पानी की बूंदों को बर्फ के फाहो में तबदील कर सैलानियो को अपनी ओर आकर्षित करेगी। सोलंग में पहली बार मशीन से बर्फ बनाई जाएगी।  सोलांनाला के युवा सुनील ठाकुर, हीरालाल, गोकुल और मोहन ने घाटी के पहले पैराग्लाइडर पायलट रोशन ठाकुर की मदद से यह मशीन लाई है। इन युवाओ ने करीब एक फुट बर्फ की मोटी परत भी बना डाली है। 30 लाख से अधिक लागत की स्नो मेकिंग मशीन (स्नो गन) को युवाओं ने यूरोप से मंगवाया है।  सरकार भले ही इस मशीन को  लाने में नाकाम रही हो लेकिन इन युवाओ ने यह पहल कर डाली है। इन युवाओ ने अपनी निजी भूमि में स्नो पार्क बनाया है। बर्फवारी पर निर्भर नहीं रहना होगा। पूरी सर्दी बर्फ मिलेगी।
माईनस 2 डिग्री तापमान की रहेगी जरूरत
पानी की बूंदों को यह मशीन बर्फ के फाहो में तबदील करेगी। इसके लिए मशीन को माईनस 2 डिग्री तापमान चाहिए। माईनस तापमान में मशीन कही भी पानी की बूंदों को बर्फ के फाहो में तबदील कर सकती है। शीतकालीन खेलो को बढ़ावा देने वाले रोशन ठाकुर ने बताया कि बर्फ बनाने को तापमान माइनस 2 डिग्री से कम चाहिए। पानी को प्रेशराइज़्ड पम्प से भेजने के बाद हाई पॉवर फैन से पानी की बूंदों को भाप की तरह तोड़ा जाता है जिससे वो तैरना शुरू करती हैं और जम कर बर्फ की तरह गिर जाती हैं। उन्होंने बताया कि यह 100% ईको फ्रेंडली है।

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