DNN नाहन
27 अप्रैल। प्रदेश सहित सिरमौर जिला में अनेक स्थानों पर वनों में चीड़ के जंगल पाए जाते हैं। चीड़ से इन दिनों गिरी पत्तियां अक्सर वनों में आग का बड़ा कारण बनती हैं, लेकिन इन पत्तियों को उपयोग में लेकर जहां जंगलों को आग से बचाया जा सकता है, तो वहीं ये पतियां रोजगार का एक साधन भी बन सकती हैं। खासकर महिला वर्ग इसमें भाग लेकर अपनी आर्थिकी को भी सुदृढ़ कर सकती हैं। इसी को लेकर सिरमौर जिला में पच्छाद के बाग पशोग में वन विभाग ने 4 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। इसमें विभिन्न महिला मंडलों को चीड़ की पतियों से रस्सी ,कोयला इत्यादि बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। चीड़ की पत्तियों को रसायन से धोने और मशीनों के माध्यम से उन्हें साफ करने और फिर कई उत्पाद बनाने बारे बताया जाएगा। वन विभाग के प्रयास है कि जिला में जगह-जगह पर ऐसे प्रशिक्षण शिविर लगाए जाएं और महिलाओं को इस रोजगार कार्य से जोड़ा जाए।
उधर वन विभाग के डीएफओ हेडक्वार्टर वेद प्रकाश ने बताया कि चीड़ की पत्तियों से अनेक उपयोगी उत्पाद बनाए जा सकते हैं और वनों को भी आग से बचाया जा सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए महिला आर्थिकी को सुदृढ़ करने के उदेशीय से अनेक प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जा रहे हैं और वैज्ञानिक तरीके से मशीनों के माध्यम से इन्हे प्रशिक्षण दिया जा रहा है।