DNN शिमला
राज्य सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए देशी शराब और आईएमएफएस (अंग्रेजी शराब) के एक्स-डिस्टिलरी मूल्य (ईडीपी) में वृद्धि की है। शराब बनाने वाले संयंत्रों के उत्पादन की बढ़ती लागत को पूरा करने के लिए एक्स-डिस्टिलरी की कीमत में 5 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। आयुक्त, बिक्री कर और आबकारी डॉ. अजय शर्मा ने आज यहां कहा कि यह सरकार के संज्ञान में लाया गया है कि शराब के निर्माण के मूल घटक ईएनए (एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल) की लागत पिछले वर्षों में काफी बढ़ गई है। इसी तरह ग्लास बॉटल पैकिंग कार्टन की कीमत में हाल के दिनों में तेजी देखी गई है। उन्होंने कहा कि शराब के विनिर्माण के लिए आवश्यक बुनियादी कच्चा माल जीएसटी के तहत आता हैं, जबकि शराब पर वैट लगाया जाता है। जीएसटी के तहत लगाए गए करों को वैट के तहत समायोजित नहीं किया जा सकता है, जिसके कारण शराब के उत्पादन की लागत बढ़ गई है। राज्य में शराब उद्योग को बचाने के लिए एक्स-डिस्टिलरी की कीमतों में 5 प्रतिशत की मामूली वृद्धि की गई है।