SOLAN में स्क्रब टायफस ने दी दस्तक, 5 लोगों में पाए गए लक्षण, विभाग अलर्ट

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DNN सोलन
जिला सोलन में स्क्रब टायफस रोग ने दस्तक दे दी है। बीते कुछ दिनों में जिला भर से करीब पांच लोगों को यह रोग हुआ है। इससे स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ गई है। हालांकि विभाग दावा करता है कि इस रोग को रोकने के लिए पर्याप्त इंतजाम कर दिए गए है, लेकिन जमीनी स्तर पर यह स्क्रब टायफस रोग लगातार बढता जा रहा है। हाल ही में परवाणू क्षेत्र से स्क्रब टायफस के मरीज सामने आए है।

यह एक जानलेवा बीमारी है। इसके चलते स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को साफ चेताया है कि तेज बुखार व सरदर्द होने की स्थिती मेंं जल्द से जल्द अस्पताल में उपचार करवाने पहुंचे। इस रोग में किडनी के खराब होने की सबसे अधिक संभावने रहती है। जानकारी के अनुसार जिला सोलन में स्क्रब टायफस रोग ने दस्तक दे दी है। मॉनसून शुरु होते ही डेंगू व स्क्रब टायफस रोग अधिक फैलते है। हालांकि इस वर्ष डेंगू के कम ही मामले सामने आ रहे है। लेकिन अब स्क्रब टायफस ने स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ा दी है।

बीते कुछ दिनों से जिला भर में इस रोग के करीब 5 लोग पाए गए है। ऐसे में आने वाले दिनों में इस बिमारी के कई ओर मरीज देखने को मिल सकते है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि इस रोग को रोकने के लिए सभी इंतजाम पूरे कर लिए है। बता दे कि स्क्रब टाइफस एक ओरिएंटिया सुत्सुगामुशी नाम के एक बैक्टीरिया के कारण होने वाला एक्यूट रोग है।

यह ज्वर संबंधी स्थितियों से जुड़ा संक्रामक (फैलने वाला) रोग है। इस रोग का कारण बनने वाले बैक्टीरिया एक प्रकार के सूक्ष्म कीट (माइट) के काटने से मनुष्य के शरीर में पहुंचते हैं। स्क्रब टाइफस फीवर आमतौर पर उन लोगों को होता है, जो झाडय़िों वाले क्षेत्रों आस-पास रहते हैं जहां पर चूहे रहते हैं। जैसे जंगलों के आस-पास का क्षेत्र, नदियों के किनारे, घास-फूस वाले क्षेत्र, रेगिस्तान और ऐसे जंगल जहां बारिश अधिक होती है।

जब ये माइट काट लेते हैं, तो वहां पर त्वचा से काले रंग की पपड़ी उतरने लग जाती है, जिसकी मदद से डॉक्टर स्थिति का पता लगा पाते हैं। इसकी रोकथाम करने के लिए कुछ सामान्य उपाय किए जाते हैं, जैसे घर से बाहर जाते समय जूते पहनना, पूरी बाजू वाली शर्ट और पूरी लंबाई वाली पैंट पहनना इत्यादि।

स्क्रब टाइफस को नियंत्रित करने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं व अन्य सहयोगी उपचारों की आवश्यकता पड़ती है। गौर रहे कि स्क्रब टाइफस से अन्य कई जटिलताएं भी पैदा हो सकती हैं, जैसे हेपेटाइटिस, शरीर के अंदरुनी अंगों में खून बहना और खून की मात्रा में कमी आना।

लक्षण दिखाने पर डॉक्टर से करें संपर्क

जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एनके गुप्ता ने कहा कि सोलन जिला में स्क्रब टायफस रोग ने दस्तक दे दी है। उन्होंने कहा कि अभी तक जिला भर में करीब पांच लोगों को यह रोग हुआ है। उन्होंने कहा कि इस रोग की रोकथाम के लिए सभी प्रकार के जरुरी इंतजाम कर दिए गए हैं। डॉ. एनके गुप्ता ने कहा कि यदि किसी को भी सर में तेज दर्द हो या फिर तेज बुखार हो तो नजदीकी अस्पताल मे तुरंत पहुंचे। उन्होंने कहा कि यह एक जानलेवा बीमारी है।

ये हैं बीमारी के लक्षण

स्क्रब टाइफस में मुख्य रूप से बुखार, सिरदर्द, ठंड लगना, पसीने आना, मांसपेशियों में दर्द होना, आंख में संक्रमण, त्वचा पर चकत्ते होना और लिम्फ नोड्स में सूजन आना जैसे लक्षण होते हैं। इस स्थिति की समय पर जांच जरूरी होती है, क्योंकि आमतौर पर इस समय इलाज अच्छे से रोग पर प्रतिक्रिया दे पाता है।

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