DNN सोलन
सरकार द्वारा बार की लाइसेंस फीस व सालाना शराब के कोटे में की गई बढ़ोतरी के खिलाफ होटल बार रेस्तरां ऐसोसिएशन ने मोर्चा खोल दिया है। ऐसोसिएशन के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि सरकार की वर्ष 2019-20 की पालिसी ने इस व्यापार से जुड़े लोगों की कमर तोड़कर रखी दी है। इससे अब उन्हें अपने कारोबार चलाने में परेशानी हो रही है, क्योंकि सड़क किनारे चल रहे ढाबों में भी अवैध तौर पर शराब परोसी जा रही है और ऐसे में बढ़ी हुई फीस व कोटा उनके लिए परेशानी का कारण बनने लगा है।
ऐसोसिएशन की एक बैठक प्रधान अनिल सूद की अध्यक्षता में हुई। सोलन में हुई इस बैठक में चर्चा की गई कि यदि सरकार ने इस पोलिसी पर कोई निर्णय लेकर बदलाव नहीं किया तो ऐसोसिएशन के सदस्यों को आंदोलन की राह पर चलना पड़ सकता है। ऐसोसिएशन के प्रधान अनिल सूद ने बताया कि पहले लाइसेंस फीस 1 लाख 85 हजार के करीब लगती थी अब यह फीस 2 लाख 80 हजार हो गई है। जबकि पहले बार के लिए 1500 प्रूफ लीटर शराब को कोटा लेना अनिवार्य था जिसे अब बढ़ाकर 2500 कर दिया गया है। होटल को मिलने वाले एल 3, एल 4, एल 5 व रेस्तरां को मिलने वाले एल 4 व एल 5 लाइसेंस फीस व शराब के कोटे को करीब 100 प्रतिशत बढ़ा दिया गया है। उन्होंने कहा कि अवैध तौर पर शराब परोसने वाले ढाबों पर आबकारी एवं कराधान विभाग द्वारा शिकंजा कसना होगा तभी बारों में शराब की खपत बढ़ सकती है। उन्होंने वर्तमान पालिसी में बदलाव की मांग की है।