DNN बद्दी (रेखा शर्मा)
औद्योगिक क्षेत्र बद्दी के तहत ईएसआई मॉडल अस्पताल काठा के सामने स्थित भुरजी सुपरटैक इंडस्ट्रीज लिमिटेड में आग लगने से लाखों का नुकसान हो गया। यह उद्योग तीन माह से बंद पड़ा था और यहां से सामान शिफ्ट किया जा रहा था। अंदर पड़ी कुछ मशीनों और लोहे के सामान को काटने के लिए शुक्रवार सुबह से आधा दर्जन कर्मचारी बैल्डिंग का काम कर रहे थे जिस दौरान मोलडिंग मैटीरियल ने आग पकड़ ली। मौके पर मौजूद लोगों ने आग को बुझाने का प्रयास किया लेकिन स्थिति काबू में न आते देख दोपहर 12.20 बजे दमकल विभाग बद्दी को सूचना दी गई। दमकल विभाग बद्दी की टीम लीडिंग फायर मैन मनसा राम की अगुवाई में दो फायर टैंडरों के साथ मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाने का प्रयास शुरू किया। इस दौरान वर्धमान गु्रप के सीएसओ कमल राज भी 2 फायर अफसरों, 3 फायर मैन के साथ मौके पर पहुंचे। 3 फायर टैंडरों की मदद से 4 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। आग उद्योग के प्रथम व द्वितीय तल पर लगी, जबकि भूमिगत गोडाऊन में रखा भारी मात्रा में मोलडिंग मैटीरियल आग की चपेट में आने से बच गया। यह उद्योग गीजर और कूलर बनाने का काम करता था जिसके चलते अंदर काफी मात्रा में प्लास्टिक स्क्रैप पड़ा था। प्लास्टिक स्क्रैप में लगी आग के चलते उद्योग से उठे काले धूंए ने आसपास के क्षेत्र को आगोश में ले लिया। अभी तक आग से हुए नुकसान का सही अनुमान नहीं लग पाया है लेकिन लाखों के नुकसान की आशंका है।
फायर अफसर बद्दी देवेंद्र कुमार ने बताया कि लीडिंग फायर मैन मनसा राम की अगुवाई में भीम सिंह, राम लोक, दुनी चंद, भाग सिंह, बाबू राम, कुलदीप सिंह व मनोहर की टीम ने 2 फायर टैंडरों की मदद से 4 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। दमकल विभाग ने आसपास के उद्योगों को आग की चपेट में आने से बचा लिया। तेज हवा और काले धूएं के कारण फायर कर्मियों को आग बुझाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। फायर अफसर ने बताया कि बंद पड़े उद्योग में शि िटंग का काम चल रहा था और बैल्डिंग के चलते प्लास्टिक मैटीरियल ने आग पकड़ ली। समय रहते आग पर काबू न पाया जाता तो भूमिगत गोडाऊन में रखा भारी मात्रा में सामान आग की चपेट में आ सकता था। उन्होंने बताया कि अभी तक आग से हुए नुकसान का अंदेशा नहीं लग पाया है क्योंकि उद्योग प्रबंधन मौके पर मौजूद नहीं था। उद्योग में सिर्फ सिक्योरिटी गार्ड और कुछ कर्मी मौजूद थे जिनकी देखरेख में शिफ्टिंग का काम चल रहा था।