DNN सोलन/नौणी
01 नवम्बर। डॉ. यशवंत सिंह परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी में 30-31 अक्टूबर को NARES-ब्लेंडेड लर्निंग प्लेटफॉर्म पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में नौणी के मुख्य परिसर के दोनों महाविद्यालयों सहित नेरी और थुनाग कॉलेज के 60 वैज्ञानिकों और 110 छात्रों ने भाग लिया।
कॉलेज ऑफ हॉर्टिकल्चर के डीन और कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. मनीष शर्मा ने मुख्य अतिथि शूलिनी विश्वविद्यालय के चांसलर प्रोफेसर पी॰के॰ खोसला और नौणी विवि के कुलपति प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल का स्वागत किया। अपने सम्बोधन में प्रोफेसर चंदेल ने शिक्षा प्रणाली को और अधिक कुशल और छात्र-केंद्रित बनाने के लिए इसमें आईटी उपकरणों के एकीकरण की आवश्यकता पर जोर दिया। आईसीएआर-भारतीय कृषि सांख्यिकी अनुसंधान संस्थान से डॉ. सुदीप ने वर्चुअल माध्यम से बैठक में शामिल हुए और उन्होंने इस प्रणाली और आईटी उपकरणों का एक संक्षिप्त दृष्टिकोण दिया, जिनका उपयोग शैक्षिक प्रणाली को आसान और अधिक उपयोगकर्ता बनाने के लिए किया जा रहा है।
भारतीय कृषि सांख्यिकी अनुसंधान संस्थान के आईटी सलाहकार डॉ. आर॰सी॰ गोयल ने भी कृषि शिक्षा प्रणाली में मिश्रित शिक्षण कार्यक्रमों की आवश्यकता पर जोर दिया। इस अवसर पर प्रोफेसर पी॰के॰ खोसला ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के बारे में बात की और ऑनलाइन उपकरणों के साथ पाठ्यक्रम की सिंक्रनाइज़ेशन पर जोर दिया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के लाइब्रेरियन और आईडीपी के समन्वयक डॉ. केके रैना ने भी अपने विचार रखे।
तकनीकी सत्र में मास्टर ट्रेनर तरुण खुराना ने आईटी टूल और स्मार्ट उपकरणों के उपयोग और कृषि प्रणालियों में उनके उपयोग के बारे में बताया। उन्होंने छात्रों और शिक्षकों को बीएलपी कार्यक्रम का एक विस्तृत प्रदर्शन दिया, जिसमें शैक्षिक प्रबंधन प्रणाली के विभिन्न पहलुओं, पाठ्यक्रमों का निर्माण, पाठ्यक्रम सामग्री अपलोड करना ऑनलाइन छात्र मूल्यांकन आदि शामिल रहा।
दूसरे दिन, विश्वविद्यालय के कंप्यूटर और इंस्ट्रूमेंटेशन सेंटर में संकाय और छात्रों के लिए अलग-अलग व्यावहारिक प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए गए। इस सत्र में, व्यक्तिगत वैज्ञानिकों/छात्रों को मिश्रित शिक्षण मंच का उपयोग करने के लिए पीसी और लैपटॉप पर प्रशिक्षण दिया गया। शिक्षकों को पाठ्यक्रमों के निर्माण, अध्ययन सामग्री अपलोड करने, ऑनलाइन कक्षाओं के निर्माण, व्यवस्थित मूल्यांकन प्रथाओं आदि से अवगत कराया गया। छात्रों के लिए एक सत्र आयोजित किए गया जहां उन्हें शिक्षकों द्वारा प्रदान किए गए नोट्स और विभिन्न सामग्री प्राप्त करने और परीक्षण, प्रश्नोत्तरी आदि लेना के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया। इस सत्र का संचालन डॉ. मधु और विभोर त्यागी ने किया। डॉ. मनीष शर्मा ने अपने समापन भाषण में कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आईएएसआरआई के सभी संसाधन व्यक्तियों और टीम, सभी संकाय सदस्यों और छात्रों को धन्यवाद दिया।