DNN कुल्लू, 01 मई।
जल शक्ति मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने कहा कि अधिकारी यसमैन न होकर अपनी काबलियत से समाज के कल्याण और विकास को एक नई दिशा प्रदान करने में लोगोें की अपेक्षाओं को पूरा अपनी भूमिका को सार्थक बनाएं। वह जिला परिषद सभागार में कुल्लू सदर विधानसभा क्षेत्र में हुए विकास तथा मुख्यमंत्री की घोषणाओं की प्रगति पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लाखों लोगों की नज़रें बड़े पदों पर आसीन अधिकारियों व जन प्रतिनिधियों पर हैं। उनके कल्याण और बेहतरी के लिये क्या कुछ किया जा सकता है, इसपर बल दिया जाना चाहिए। लोग आपका काम देखकर स्वयं आपकी तारीफ करें। उन्होंने कहा कि विकास व निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को लेकर किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाना चाहिए।
महेन्द्र सिंह ने कहा कि जल शक्ति, लोक निर्माण, बिजली व स्वास्थ्य सहित समस्त विभागों को पुराने नकारा कबाड़ का निस्तारण करने की जरूरत है। इससे अनावश्यक जगह घिरी रहती है और कार्यशैली पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। उन्होंने जल विद्युत परियोजनाओं की सीमा के आस-पास अतिक्रमण पर भी संज्ञान लिया। उन्होंने कहा कि बहुत सी बिजली परियोजनाओं ने लीज का नवीकरण वर्षों से नहीं करवाया है और अतिक्रमण अलग से किया जा रहा है। इससे सरकार को राजस्व घाटा हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के अतिक्रमण को रोका जाना चाहिए। परियोजनाओं को डम्पिग साईट चिन्हित की जाती हैं, लेकिन वर्षों से हो रही बेतरतीब डम्पिग के कारण बांध रेत-मिट्टी से भर चुके हैं। उन्होंने कहा कि इन बांधों को खाली करवाने के लिये निविदाएं आमंत्रित की जानी चाहिए जिससे राजस्व भी प्राप्त होगा।
विद्युत विभाग के कार्यकलापों की समीक्षा करते हुए अवगत करवाया गया कि कुल्लू सदर विधानसभा क्षेत्र में पिछले चार सालों के दौरान 60 किलोमीटर नई लाईने विछाई गई हैं। 125 किलोमीटर की डीपीआर तैयार की गई है। 80 किलोमीटर एलटी लाईनें विछाई गई और इसपर 21.03 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं। सभी पुराने लकड़ी के खम्भों को बदला गया। मंत्री ने कहा कि पिछले चार सालों में प्रदेश में लकड़ी के सभी खम्भों को बदल दिया गया है और पिछले 30 सालों में इतने खम्भे कभी नहीं बदले गए। उन्होंने विद्युत विभाग के अभियंताओं को तीस साल पहले तथा आज की स्थिति पर एक तुलनात्मक विवरणिका तैयार करने को कहा।
लोक निर्माण विभाग के अभियंताओं ने अवगत करवाया कि कुल्लू विधानसभा क्षेत्र में 86 किलोमीटर नई सड़कें बनाई गई। 58 किलोमीटर का सीडी कार्य किया गया। टारिंग 44 किलोमीटर की गई। चार पुल बनाए गये तथा 10 गांवों को सड़कों से जोड़ा। 13 परियोजनाओं की वित्तीय मंजूरी प्राप्त हुई है। मंत्री ने मुख्यमंत्री की घोषणाओं को 31 जुलाई तक पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने अभियंताओं को गुणवत्ता के लिये आधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल करने को कहा। उन्होंने मुख्य जिला सड़कों पर ध्यान केन्द्रित करने की भी बात कही। उन्होंने सड़क कटिंग के दौरान मलबे को केवल चिन्हित स्थलों पर फैंकने को कहा। उन्होंने बर्फीले क्षेत्रों में सड़क निर्माण पर विशेष तकनीक अपनाने की जरूरत पर बल दिया।