रिश्वत नहीं देने पर 45-50 लाख वसूली की धमकी
सीबीआई की जांच में पता चला कि ईपीएफओ के प्रवर्तन अधिकारी ने शिकायतकर्ता से कहा था कि यदि 10 लाख रुपये की रिश्वत नहीं दी गई तो फर्म पर 45-50 लाख रुपये की वसूली का दबाव बनाया जाएगा। इस मांग को पूरा करने के लिए एक निजी सलाहकार को माध्यम बनाया गया था, जिसे रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया।
सीबीआई का जाल: आरोपियों को रंगे हाथ पकड़ा
सीबीआई ने जाल बिछाकर निजी सलाहकार को रिश्वत की रकम स्वीकार करते हुए गिरफ्तार किया। जांच के दौरान क्षेत्रीय आयुक्त और प्रवर्तन अधिकारी की भी भूमिका उजागर हुई, जिसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। तीनों आरोपियों को शिमला स्थित विशेष न्यायाधीश (सीबीआई मामलों) के सामने पेश किया जा रहा है।
23.5 लाख नकद और आपत्तिजनक दस्तावेज़ बरामद
सीबीआई ने बद्दी, सोलन, शिमला और चंडीगढ़ में सात अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी की। चंडीगढ़ स्थित क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त के परिसर से करीब 23.5 लाख रुपये नकद और कई आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। सीबीआई की इस कार्रवाई से ईपीएफओ में हड़कंप मच गया है और मामले की गहन जांच जारी है।