DNN सोलन, 25 अप्रैल
शूलिनी विश्वविद्यालय के विधि विज्ञान संकाय ने विश्वविद्यालय परिसर में द्वितीय इंट्रा मूट कोर्ट प्रतियोगिता का आयोजन किया। प्रारंभिक राउंड में 12 टीमों ने भाग लिया। इनमें से चार टीमें सेमीफाइनल में पहुंचीं और दो टीमों ने ग्रैंड फिनाले में भाग लिया। कई कठिन राउंड के बाद, 8वें सेमेस्टर की अनन्या और उनकी टीम वाली टीम आईएमसीसी 8001 विजेता बनकर उभरी। एलएलबी और बीएएलएलबी द्वितीय वर्ष के अमित और उनके साथियों वाली टीम आईएमसीसी 4002 उपविजेता रही। प्रतियोगिता के दौरान छात्रों ने प्रभावशाली वकालत कौशल, कानूनी तर्क और कोर्ट रूम शिष्टाचार का प्रदर्शन किया।
ग्रैंड फिनाले का निर्णायक वरिष्ठ अधिवक्ता आर.एस. गौतम, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय, शिमला से, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रेणु पाल सूद, प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस एडवोकेट राजीव चौहान थे और उनके विशेषज्ञ मार्गदर्शन और अंतर्दृष्टि ने अंतिम दौर को सभी के लिए एक समृद्ध सीखने का अनुभव बना दिया। इस कार्यक्रम का संयोजन विधि विज्ञान संकाय के सहायक प्रोफेसर विनीत कुमार ने किया तथा विधि विज्ञान संकाय की सहायक प्रोफेसर डॉ. मोनिका ठाकुर ने सह-संयोजक की। विनीत कुमार ने प्रतिभागियों को संबोधित किया तथा कानून को “जैसा है” तथा “जैसा होना चाहिए” के रूप में समझने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने छात्रों को अकादमिक अध्ययन को व्यावहारिक अनुभव के साथ संतुलित करने के लिए प्रोत्साहित किया तथा व्याख्यात्मक कानून और सेंसरशिप न्यायशास्त्र के बीच अंतर को समझाया।
विधि विज्ञान संकाय के एसोसिएट डीन डॉ. नंदन शर्मा ने सभी प्रतिभागियों को बधाई दी तथा उनके समर्पण की प्रशंसा की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कक्षा में सीखने तथा वास्तविक दुनिया के कानूनी अभ्यास के बीच की खाई को पाटने के लिए ऐसे मंच महत्वपूर्ण हैं। प्रतियोगिता का समापन विधि विज्ञान संकाय की सहायक प्रोफेसर डॉ. मोनिका ठाकुर के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता ने छात्रों को ड्राफ्टिंग, विश्लेषणात्मक सोच, टीमवर्क और सार्वजनिक बोलने जैसे आवश्यक कानूनी कौशल को बेहतर बनाने में मदद की, जिससे उन्हें अदालती कार्यवाही का वास्तविक दुनिया में अनुभव प्राप्त हुआ।