DNN सोलन (श्वेता भारद्वाज)
हिमाचल प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग द्वारा कक्षा दसवीं व बाहरवीं कक्षा के छात्रों की फीस में की गई बढ़ोत्तरी को लेकर पीजी कालेज सोलन के एसएफआई छात्र संगठन ने आवाज बुलंद कर दी है। शुक्रवार को उक्त छात्र संगठन ने कालेज के प्राचार्य के माध्यम से उच्च शिक्षा निदेशक को ज्ञापन सौंपा है। इसमें मांग की गई है कि शीघ्र ही दसवीं तथा बाहरवीं कक्षा की फीस में की गई वृद्धि को वापस लिया जाए।
सोलन कालेज की एसएफआई इकाई के अध्यक्ष राहुल तथा सहसचिव कर्ण के नेतृत्व में कार्यकत्र्ताओं ने शुक्रवार को कालेज प्राचार्य के माध्यम से प्रदेश के उच्च शिक्षा निदेशक को ज्ञापन सौंपा है। इसमें साफ शब्दों में कहा गया है कि यदि बढ़ाई गई फीस को वापस नहीं लिया गया तो एसएफआई आगामी दिनों में प्रदेशव्यापी आंदोलन का बिगुल बजाने के लिए बाध्य हो जाएगी। एसएफआई नेता राहुल ने कहा कि प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग ने हाल ही में कक्षा दसवीं तथा बारहवीं के छात्रों की फीस में कहा कि जो दसवीं व बाहरवीं कक्षा के छात्रों की फीस में बढ़ोत्तरी की गई है उसकी हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं।
उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग ने दसवीं तथा बारहवीं कक्षा के छात्रों की फीस 2450 रुपए कर दी है इसका हम विरोध करते हैं। एसएफआई का मानना है कि हमारी सरकारें देश तथा प्रदेश के सभी सरकारी शिक्षण संस्थानों में लगातार फीस बढ़ोत्तरी करने में लगी हुई हैं इससे उनकी मंशा साफ जाहिर होती है कि वह आम जनता को शिक्षा से दूर करना रखना चाहती हैं। वत्र्तमान समय में हम देख रहे हैं कि एक तरफ हमारी सरकार लगातार सरकारी स्कूलों को बंद करने में लगी हुई हैं और निजी स्कूलों को बढ़ावा देने में लगी हुई हैं।
वहीं शिक्षा बोर्ड की लेटलतीफी का खामियाजा स्कूल विद्यर्थियों को भुगतना पड़ रहा है। शिक्षा बोर्ड ने छात्रों से क पार्टमेंट भरने के ऑनलाइन आवेदन तो मांगे परंतु उसका गेटवे लिंक स्कूल प्रबंधक को नहीं दिया जिसके चलते छात्र अपने पेपरों का आवेदन नहीं कर पाए। जब गेटवे लिंक खुला तो उसमें एक पेपर की फीस 450 की जगह 2450 हो गई है । अब शिक्षा बोर्ड अपना पल्ला ये बोल कर झाड़ रहा है कि हमने पहले आवेदन करने का मौका दिया था अब छात्रों को लेट फीस के साथ ही आवेदन देने होंगे।
परंतु विद्यार्थी यह मांग कर रहे हैं कि उनसे कंपार्टमेंट फीस 450 ही ली जाए। एसएफ आई का कहना है कि यदि फीस कम नहीं कि गई तो इसका सीधा असर अभिवावकों पर पड़ेगा जो अच्छा नहीं है। इसके चलते बहुत से गरीब बच्चों की पढ़ाई पर भी इसका विपरीत असर पड़ेगा। एसएफआई शिक्षा बोर्ड से यह मांग करती है कि इस बड़ी हुई फीस को कम करके 450 कर दिया जाए,ताकि प्रशासन की नाकामियों का खामियाजा अभिवावकों को न उठाना पड़े।